अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के हाल के एक बयान से चीन-अमेरिका के बीच तनाव फिर बढ़ गया है. ट्रेड वॉर खत्म करने के लिए दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच एक वार्ता भी हुई है, लेकिन कुल मिलाकर माहौल सकारात्मक नहीं है. ऐसे में चीनी मीडिया यह सलाह दे रही है इस ट्रेड वॉर का फायदा उठाते हुए भारत को चीन के साथ अपना व्यापार बढ़ाना चाहिए.
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में कहा गया है कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती दूरी से भारत और चीन के बीच आर्थिक रिश्ते और बेहतर हो सकते हैं. भारत उन कुछ देशों में है जो चीनी बाजार में अमेरिकी उत्पादों के आयात में कमी आने का फायदा उठा सकते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने चीन के साथ व्यापारिक समझौते की संभावना पर तुषारापात करते हुए रविवार को ट्वीट किया था कि वह चीनी वस्तुओं पर टैरिफ यानी आयात शुल्क बढ़ा देंगे. उनकी इस घोषणा से ही वैश्विक बाजारों में गिरावट आनी शुरू हो गई और इसके बाद भारी उतार-चढ़ाव देखा गया.
ट्रम्प ने इस ट्वीट में लिखा था- पिछले 10 महीने से चीन 50 अरब डॉलर के हाईटेक वस्तुओं पर 25 फीसदी और 200 अरब डॉलर मूल्य की अन्य वस्तुओं पर 10 फीसदी टैरिफ अमेरिका को दे रहा है. यह भुगतान कुछ हद तक हमारे जबरदस्त आर्थिक नतीजों के लिए जिम्मेदार है. यह 10 फीसदी अब शुक्रवार से बढ़कर 25 फीसदी हो जाएगा. चीन को भेजे जाने वाले 325 अरब डॉलर की अतिरिक्त वस्तुओं पर कोई टैक्स नहीं लगता, लेकिन अब इन पर 25 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा.
गौरतलब है कि भारत-चीन के अधिकारियों के बीच भी गुरुवार को एक बैठक हुई है, जिसमें दोनों देशों के बीच कृषि जिंस और अन्य उत्पादों निर्यात को बढ़ाने पर विचार हुआ है.For 10 months, China has been paying Tariffs to the USA of 25% on 50 Billion Dollars of High Tech, and 10% on 200 Billion Dollars of other goods. These payments are partially responsible for our great economic results. The 10% will go up to 25% on Friday. 325 Billions Dollars....
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 5, 2019
लेख में कहा गया है, 'भारत से चीन में कृषि और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद की निर्यात की पूरी संभावना का दोहन नहीं हो पाया है. चीन और अमेरिका में ट्रेड वॉर बढ़ा तो ऐसी कई वस्तुओं से अमेरिकी आयात पर चीन जवाबी टैरिफ लगा सकता है. चीन अमेरिका द्वारा एकतरफा टैरिफ लगाने की किसी भी संभावित नुकसान से अपने को बचाने के लिए पूरी तरह तैयार है. यदि ट्रेड वॉर की वजह से कृषि उत्पादों की आपूर्ति में कमी आती है तो यह मेक इन इंडिया उत्पादों के लिए अवसर होगा.'
भारत के लिए चीन सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है, लेकिन यह व्यापार चीन की तरफ काफी झुका हुआ है, जिसकी भारत को चिंता रहती है.