मौजूदा कारोबारी साल में देश की विकास दर छह फीसदी तक पहुंच पाना संभव है. यह बात भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा कराए गए 88वें कारोबारी परिदृश्य सर्वेक्षण में सामने आई.
परिसंघ ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, ‘सीआईआई कारोबारी मनोबल सूचकांक (सीआईआई-बीसीआई) की जुलाई-सितंबर तिमाही 2014-15 में लगातार दूसरी तिमाही में उछाल दर्ज किया गया है. यह इस दौरान 57.4 पर पहुंच गया, जो अप्रैल-जून तिमाही में 53.7 पर था. यह जनवरी-मार्च तिमाही में 49.9 पर था. पिछले कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में सूचकांक 45.7 के ऐतिहासिक निचले स्तर पर था.’
सूचकांक के 50 से ऊपर रहने का मतलब कारोबारी मनोबल ऊंचा है, जबकि इसके 50 से नीचे रहने का मतलब मनोबल का कमजोर रहना है.
बयान में कहा गया है, ‘सर्वेक्षण में 30 फीसदी जवाब देने वालों ने 2014-15 में विकास दर के 5.5-6.0 फीसदी रहने का अनुमान जताया. इसका मतलब है कि मौजूदा कारोबारी साल में छह फीसदी विकास दर हासिल की जा सकने वाली सीमा के दायरे में है.’
कारोबारियों को लागत घटने और बिक्री बढ़ने का अनुमान है, इसलिए उनके मनोबल में वृद्धि दिखाई पड़ी.
परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘नई केंद्र सरकार द्वारा विकास को तेजी देने के लिए और 'फील गुड' फैक्टर लाने के लिए दिखाई गई प्रतिबद्धता के कारण कारोबारी मनोबल सूचकांक में लगतार दूसरी तिमाही में उछाल दर्ज किया गया.’
सर्वेक्षण में 77 फीसदी कारोबारी अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि जुलाई-सितंबर तिमाही में बिक्री बढ़ सकती है. अप्रैल-जून तिमाही में ऐसे लोगों का अनुपात 50 फीसदी था.
इस अवधि में 49 फीसदी अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि निर्यात का ठेका बढ़ सकता है. यह अनुपात अप्रैल-जून तिमाही में 39 फीसदी था.