मोदी सरकार एक साल का कार्यकाल पूरा करने का जहां जश्न मना रही. वहीं सोमवार को इंडस्ट्री संगठन चैंबर्स ऑफ इंडिया इंडस्ट्री (सीआईआई) ने कहा कि केन्द्र सरकार अपने पहले साल के कार्यकाल में कोई बड़ा विदेशी निवेश नहीं ला सकी है. इसके साथ ही सीआईआई ने कहा कि केन्द्र सरकार को देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अपने वादे के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाने बाकी है.
हालांकि देश में बड़े निवेश धीरे-धीरे आने की उम्मीद जताते हुए सीआईआई के प्रेसिडेंट सुमित मजूमदार ने कहा कि भारत सरकार का विश्व बैंक के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में अपनी रैंकिग को सुधार कर 50 तक लाने का लक्ष्य बहुत ही महत्वाकांक्षी है.
मजूमदार ने कहा कि सरकार को विकास के लिए धीमी लेकिन निरंतर रफ्तार से चलना चाहिए. मजूमदार ने कहा कि विकास की रफ्तार कब तेज होगी यह कहना तो मुश्किल है लेकिन इनता साफ है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी-चौथी तिमाही से सरकार की कोशिशों के नतीजे दिखने लगेंगे. इंडस्ट्री संस्था के प्रमुख का मानना है कि देश में समय-समय पर विदेशी निवेश आते रहे हैं लेकिन कारोबारी जटिलता के कारण ज्यादातर निवेशक 2-3 साल में वापस चले जाकते हैं.
सीआईआई प्रेसिंडेट ने कहा कि वह इडस्ट्री को देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में सरकार की तरफ से अधिक सार्थक पहल का इंतजार है जिससे देश में कारोबार के रास्ते से लाल फीताशाही को खत्म किया जा सके. मजूमदार ने कहा कि देश में कारोबार को सरल बनाने के लिए सरकार को फार्म सिस्टम को सरल करने और इंस्पेक्टर राज को खत्म करने के लिए जरूरी कदम उठाने के साथ-साथ फॉर्म डिजिटाइजेशन के काम को प्राथमिकता के साथ आगे बढा़ने की जरूरत है.