सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया का भविष्य में निजीकरण हो सकता है. हालांकि, अभी तुरंत ऐसी कोई संभावना नहीं है, लेकिन सिविल एविएशन मिनिस्टर अशोक गणपति राजू ने इस बाबत बयान दिया है. उन्होंने बताया कि इसके निजीकरण के लिए कई तरफ से सुझाव आ रहे हैं.
राजू ने कहा कि एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) और हेलीकॉप्टर कंपनी पवन हंस को शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया जा सकता है ताकि वहां पारदर्शिता और कुशलता आए. इन दोनों के निजीकरण का प्रस्ताव सिविल एविएशन पॉलिसी में किया गया है. पवन हंस के पास 47 हेलीकॉप्टर हैं.
राजू ने कहा कि एयर इंडिया का भविष्य तय करने के बारे में एक रोडमैप बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि यह राष्ट्रीय एयरलाइंस अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन करे. उन्होंने यह भी बताया कि एक प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा ताकि सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के तहत सभी विभाग लागत और कौशल के मामले में स्पर्धात्मक हो जाएं.
AAI देश भर में 125 एयपोर्ट मैनेज करती है, जिसमें 11 अंतरराष्ट्रीय और 81 घरेलू एयरपोर्ट हैं. यह भारतीय वायु क्षेत्र में एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट का काम करती है.