टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री के करीबी प्रोफेसर निर्मल्य कुमार ने कहा है कि उन्हें कंपनी से 'एक मिनट' में बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. निर्मल्य मिस्त्री के हटाए जाने के बाद भंग किए गए कार्यकारी परिषद के सदस्य भी थे. उन्हें उसी दिन हटाया गया, जिस दिन मिस्त्री को हटाया गया था.
निर्मल्य ने अपने ब्लॉग 'आई जस्ट गॉट फायर्ड' में लिखा है कि 24 अक्टूबर की रात 9 बजे के करीब मुझे मेरे एक सहयोगी, जिसके साथ हमने बहुत नजदीक से काम किया है और कई मौकों पर हम बहस करते थे, का फोन आया. उसने मुझे बताया कि यह मेरा अप्रिय कर्तव्य है और मुझे यह बताने के लिए कहा गया है कि अब ग्रुप को आपकी सेवा की जरूरत नहीं है. मैंने उससे पूछा कि इसका मतलब यह है कि कल सुबह मुझे आने की जरूरत नहीं है. उसका जवाब हां में आया. यह सब एक मिनट के अंदर हो गया.
उन्होंने कहा कि मुझे मेरे काम की वजह से नहीं निकाला गया, मैंने हमेशा बेहतर किया. मुझे सिर्फ इसलिए निकाला गया कि मैं उस पद पर था और साइरस के साथ मिलकर अच्छा और व्यापक पैमाने पर काम कर रहा था.
29 अक्टूबर को टाटा संस ने एक बयान जारी कर कहा था कि कुमार और दो अन्य सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है, जबकि कुमार का कहना है कि उन्हें हटाया गया.