हीरो होंडा मोटर्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ पवन मुंजाल का मानना है कि चूंकि केंद्र में स्थिर सरकार आ गई है, इसलिए उद्योगपतियों और आम लोगों के मन में विश्वास पैदा हुआ है.
नीतिगत उपायों से बढ़ेगी आशावादिता
इस सवाल में जवाब में कि क्या बाजार में तेजी और 'फीलगुड' का उभरता हल्का एहसास वास्तविक है या महज मरीचिका, उन्होंने बताया कि भारत के निकट भविष्य के बारे में धारणा बदल गई है क्योंकि केंद्र में स्थिर सरकार आ गई है. इससे लोगों में विश्वास पैदा हुआ है. फौरी सकारात्मक नीतिगत उपायों से बाजार की आशावादिता बढ़ेगी. लेकिन बुनियादी चीजों में काफी सुस्त रफ्तार से सुधार आएगा. मुंजाला ने कहा, ''चूंकि केंद्र में अब स्थिर सरकार आ गई है, इसलिए मैं कह सकता हूं कि बदतर समय बीत चुका है, हालांकि कुछ क्षेत्रों में मंदी का असर बना रह सकता है.''
मंदी से उबर सकता है भारत
यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार को वैश्विक मंदी की भयावहता से अलग किया जा सकता है, उन्होंने बताया कि यह पूरी तरह से अलग-थलग होना संभव नहीं है. यदि सरकारी नीति लाखों लोगों को मुख्यधारा में लाती है तो कुछ अलगाव संभव है. इससे विकास रफ्तार पकड़ सकता है और भारत मंदी से उबर सकता है.
सही मायने में स्थिति सुधरने में लगेगा वक्त
मुंजाल का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार के कुछ संकेत अक्तूबर-नवंबर के आसपास दिख सकते हैं. लेकिन उन्हें नहीं लगता कि अगले वित्त वर्ष के शुरू होने तक सही मायने में स्थिति बदल सकती है. अर्थव्यवस्था में सुधार की बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यदि आइआइपी 5 प्रतिशत पर स्थिर होकर ऊपर की ओर बढ़ने लगता है, और ब्याज दरें 150-200 बीपीएस नीचे आ जाती हैं तो यह विकास का संकेत होगा.
पवन मुंजाल की नजर में:
3 कदम, जो सरकार को उठाने ही चाहिए
- तेजी से संसाधन जुटाने के लिए पीएसयू का विनिवेश करना चाहिए.
- वित्तीय क्षेत्र से संबंधित अहम कानूनों को जल्दी पारित करना चाहिए.
- निर्यातोन्मुखी क्षेत्रों को प्रोत्साहन देना चाहिए जिससे रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और उपभोग में वृद्धि होती है.