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जून तिमाही में जीडीपी में आ सकती है 16.5 फीसदी की गिरावट: एसबीआई रिपोर्ट

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने जून में खत्म चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 16.5  की फीसदी गिरावट की आशंका जताई है. इससे पहले, मई में एसबीआई रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 20 फीसदी से अधिक की गिरावट की आशंका जताई गई थी. 

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जीडीपी में आएगी भारी गिरावट
जीडीपी में आएगी भारी गिरावट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना संकट की वजह से अर्थव्यवस्था की हालत खराब
  • जून तिमाही में जीडीपी में 16.5 गिरावट की आशंका
  • एसबीआई इकोरैप रिपोर्ट में जारी हुआ अनुमान

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने जून में खत्म चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 16.5  की फीसदी गिरावट की आशंका जताई है. इससे पहले, मई में एसबीआई रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 20 फीसदी से अधिक की गिरावट की आशंका जताई गई थी. 

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पूरे वित्त वर्ष में गिरावट का अनुमान 
गौरतलब है कि इसके पहले तमाम रेटिंग एजेंसियों ने इस वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट का अनुमान लगाया है. रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने कहा है कि कोरोना की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच फीसदी की गिरावट आएगी. दूसरी तरफ, रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने चेतावनी दी है कि भारत में आजादी के बाद चौथी मंदी आने वाली है और यह अब तक की सबसे भयानक मंदी होगी. 
पिछली तिमाही में हुई थी बढ़त
भारतीय रिजर्व बैंक ने भी यह स्वीकार कर लिया है कि इस वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में नेगेटिव ग्रोथ यानी गिरावट आ सकती है. कोरोना वायरस के संकट के बीच वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ 4.2 फीसदी रही. यह करीब 11 साल का निचला स्‍तर है. इससे पहले 2009 में जीडीपी ग्रोथ इस स्‍तर के करीब तक पहुंची थी.वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच जीडीपी ग्रोथ रेट 3.1 फीसदी पर है. 
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कंपनियों के मार्जिन पर प्रभाव नहीं
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट इकोरैप में कहा कि जहां तक सूचीबद्ध कंपनियों के पपरिणाम का सवाल है, कॉरपोरेट जीवीए (सकल मूल्यवर्धन) वित्त वर्ष 2020-21 में आय में गिरावट के मुकाबले बेहतर रहा है. अब तक करीब 1,000 सूचीबद्ध इकाइयों ने पहली तिमाही के वित्तीय परिणाम की घोषणा की है. परिणाम बताते हैं कि कंपनियों की सकल आय में 25 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है जबकि शुद्ध आय यानी लाभ में 55 फीसदी से अधिक की कमी दर्ज की गई है. हालांकि कॉरपोरेट जीवीए (सकल मूल्यवर्धन) में गिरावट केवल 14.1 प्रतिशत है.
रिपोर्ट के अनुसार, ‘सैद्धांतिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों की आय में गिरावट की भरपाई लागत को युक्तिसंगत कर किया गया है. इससे कंपनियों के मार्जिन पर प्रभाव नहीं पड़ा.’ 

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