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कोरोना: सरकार ने 12 जरूरी दवाओं के निर्यात पर लगी रोक हटाई, क्लोरोक्वीन पर अभी निर्णय नहीं

जिन दवाओं के निर्यात पर बैन हटाया गया है उनमें टिनिडाजोल, मेट्रानिडाजोल, एसिक्लोविर, विटामिन बी1, विटामिन बी6, विटामिन बी 12, क्लोरमफेनिकॉल शामिल हैं. पैरासीटामॉल के निर्यात पर बैन जारी रहेगा. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को फोन कर कोरोना के इलाज में उपयोगी मलेरिया की जिस दवा क्लोरोक्वीन के निर्यात का अनुरोध किया था अभी उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

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सरकार ने कई जरूरी दवाओं के निर्यात पर लगी रोक हटा दी है (प्रतीकात्मक तस्वीर)
सरकार ने कई जरूरी दवाओं के निर्यात पर लगी रोक हटा दी है (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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  • कोरोना के प्रकोप के बाद चीन से कच्चे माल की आपूर्ति में थी दिक्कत
  • इसकी वजह से इन जरूरी दवाओं के निर्यात पर लगी थी रोक
  • अब चीन में कोरोना का प्रकोप कम हुआ है और कारखाने चालू हुए हैं
  • इसे देखते हुए सरकार ने 12 दवाओं के निर्यात पर बैन खत्म किया है

सरकार ने 12 जरूरी दवाओं और 12 एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट (API) के निर्यात पर लगी रोक हटा दी है. पैरासीटामॉल के निर्यात पर बैन जारी रहेगा. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर कोरोना के इलाज में उपयोगी मलेरिया की जिस दवा क्लोरोक्वीन के निर्यात का अनुरोध किया था अभी उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

जिन दवाओं के निर्यात पर बैन हटाया गया है उनमें टिनिडाजोल, मेट्रानिडाजोल, एसिक्लोविर, विटामिन बी1, विटामिन बी6, विटामिन बी 12, क्लोरमफेनिकॉल शामिल हैं. व्यापार महानिदेशालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार सरकार ने सोमवार को विटामिन बी1 और बी 12 सहित 24 फार्मा सामग्रियों (API) और दवाओं पर निर्यात प्रतिबंधों में ढील दे दी. अधिसूचना के अनुसार पैरासीटामॉल और पैरासीटामॉल से बनी अन्य दवाइयों पर निर्यात प्रतिबंध पहले की तरह जारी रहेंगे.

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कोरोना की वजह से लगा था बैन

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने तीन मार्च को 26 दवा सामग्रियों (एपीआई) और उनके यौगिक दवाइयों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था जिसके तहत निर्यातक को निर्यात के लिए डीजीएफटी से लाइसेंस या अनुमति लेनी होती है. कुछ फार्मा कंपनियों द्वारा इन प्रतिबंधों को लेकर चिंता जताए जाने के बीच अब 24 एपीआई और इनके यौगिक दवाओं का निर्यात आसान हो गया है.

इन दवाओं का उत्पादन काफी हद तक चीन से आने वाले कच्चे माल पर निर्भर था. जब कोरोना की वजह से चीन में फैक्टरियां बंद हो गईं और एक्टिव ग्रेडिएंट यानी कच्चा माल आना बंद हो गया तो इनके निर्यात पर रोक लगा दी गई ताकि देश में इनकी किल्लत न हो.

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क्यों हटाया गया बैन

अब ऐसा लग रहा है कि चीन से कच्चे माल की आपूर्ति शुरू हो गई है, इसलिए सरकार ने इनके निर्यात पर रोक हटाई है. कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों जैसे यूरोप और अमेरिका में इनकी काफी मांग है.

ट्रंप ने पीएम मोदी को किया था जिस दवा के लिए फोन, अभी उस पर ​निर्णय नहीं

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गौरतलब है कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली और कोराना के इस्तेमाल में भी प्रभावी दवा हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन के निर्यात पर पाबंदी है, इसके बावजूद कई सारे देश अब इस दवाई की मांग कर रहे हैं. भारत सरकार अब उन देशों को इसे निर्यात करने पर विचार कर रही है जिन्होंने मांग की है. हालांकि सरकार अपनी घरेलू जरूरतों के मूल्यांकन के बाद इस पर विचार करेगी.

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार सुबह पीएम मोदी से बात की. इस दौरान उन्होंने अमेरिका में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा भेजने का अनुरोध भी किया है.

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