scorecardresearch
 

कोरोना का कहर: मई में भी देश की मैन्युफैक्चरिंग गिरी, अप्रैल में हुई थी रिकॉर्ड गिरावट

आईएचएस मार्किट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) के अनुसार मई महीने में भी देश की मैन्युफैक्चरिंग में गिरावट आई है. PMI सर्वे के अनुसार मई महीने में मैन्युफैक्चरिंग का पीएमआई 30.8 रहा जो गिरावट को दर्शाता है. इसके पहले अप्रैल महीने में मैन्युफैक्चरिंग में रिकॉर्ड गिरावट आई थी.

Advertisement
X
मई महीने में मैन्युफैक्चरिंग में आई गिरावट
मई महीने में मैन्युफैक्चरिंग में आई गिरावट

Advertisement

  • लॉकडाउन में ढील के बावजूद मई में नहीं हो पाया खास उत्पादन
  • मैन्युफैक्चरिंग में गिरावट का सिलसिला मई में भी जारी रहा
  • इसके पहले अप्रैल में आई थी मैन्युफैक्चरिंग में भारी गिरावट

कोरोना के कहर और लॉकडाउन की वजह से देश की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों को लगातार नुकसान हुआ है. आईएचएस मार्किट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) के अनुसार मई महीने में भी देश की मैन्युफैक्चरिंग में गिरावट आई है.

पीएमआई सर्वे के अनुसार मई महीने में मैन्युफैक्चरिंग का पीएमआई 30.8 रहा जो गिरावट को दर्शाता है. इस सर्वे में 50 से नीचे अंक हासिल होने का मतलब गिरावट और 50 से ऊपर होने का मतलब बढ़त होना है. इसके पहले अप्रैल महीने में मैन्युफैक्चरिंग में रिकॉर्ड गिरावट आई थी और तब पीएमआई इंडेक्स महज 27.4 ही था.

इसे भी पढ़ें: कोरोना-लॉकडाउन से हर सेक्टर को झटका, इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए दिग्गजों ने बताया रास्ता

Advertisement

गौरतलब है कि देश में लगातार 32 महीने तक मैन्युफैक्चरिंग पॉजिटिव था यानी इसमें बढ़त हुई थी, लेकिन अप्रैल 2020 में इसमें इतने अंतराल के बाद पहली बार गिरावट देखी गई.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक आईएचएस मार्किट की इकोनॉमिस्ट इलियट केर ने कहा, 'नवीनतम पीएमआई डेटा से पता चलता है कि मई महीने में भी भारतीय मैन्युफैक्चरिंग में गिरावट आई है.'

कोरोना पर फुल कवरेज के लि‍ए यहां क्ल‍िक करें

बनी हुई है चुनौती

सर्वे के मुताबिक, लॉकडाउन में थोड़ी ढील के बावजूद बहुत कमजोर मांग की वजह से मई महीने में मैन्युफैक्चरिंग में गिरावट आई है. इसका मतलब यह है कि कारोबारी अभी चुनौती का सामना कर रहे हैं. मांग कमजोर बना हुआ है और यह अनिश्चित है कि अभी इस महामारी का असर कब तक रहेगा.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी मांग कमजोर बनी हुई है, जिसकी वजह से अप्रैल महीने में भारत के निर्यात में रिकॉर्ड 60 फीसदी की गिरावट आई थी. आईएचएस मार्किट हर महीने मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के आंकड़े जारी करता है. इस सूचकांक का 50 से ऊपर रहना वृद्धि और इससे नीचे रहना गिरावट को दर्शाता है, जबकि 50 पर होना स्थिरता दिखाता है.

इसे भी पढ़ें:...तो उत्तर प्रदेश में बसेंगे मिनी जापान और मिनी साउथ कोरिया!

Advertisement

क्यों आई गिरावट

गौरतलब है कि देश में 25 मार्च से ही लॉकडाउन जारी था और इसका तीसरा चरण 4 मई को लागू हुआ है. इसके बाद 17 मई से लॉकडाउन का चौथा चरण लागू हुआ था. इस दौरान इं​डस्ट्रियल गतिविधियों को कुछ छूट जरूर दी गई, लेकिन कई तरह की समस्याओं की वजह से औद्योगिक उत्पादन पर​वान नहीं चढ़ पाया.

इसके पहले साल 2008-09 की वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान भी देश का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई लुढ़ककर करीब 44 तक ही पहुंचा था.

Advertisement
Advertisement