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राहत पैकेज: सार्वजनिक कंपनियों के निजीकरण पर जोर, सामरिक सहित सभी सेक्टर निजी क्षेत्र के लिए खुले

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सभी सेक्टर निजी क्षेत्र के लिए खुलेंगे और कुछ निर्धारित क्षेत्रों में ही सार्वजनिक कंपनियों (PSU) की भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि सरकार जल्दी ही एक ऐसी नीति लेकर आएगी जिसके तहत यह नोटिफाइड किया जाएगा कि कौन सी पब्लिक सेक्टर की कंपनियों को सामरिक क्षेत्र में ही रहने की जरूरत है.

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राहत पैकेज की पांचवी किश्त में वित्त मंत्री ने किए कई ऐलान
राहत पैकेज की पांचवी किश्त में वित्त मंत्री ने किए कई ऐलान

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  • वित्त मंत्री ने राहत पैकेज की पांचवीं किस्त का किया ऐलान
  • इसमें सार्वजनिक कंपनियों के बारे में हुए बड़े ऐलान
  • अब सभी सेक्टर निजी क्षेत्र के लिए खोल दिए जाएंगे

राहत पैकेज की पांचवें किस्त का ऐलान करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को सार्वजनिक कंपनियों के निजीकरण के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का ऐलान किया. कोरोना संकट के बीच सरकार कई बड़े आर्थिक सुधारों पर जोर दे रही है. अब सामरिक सहित सभी सेक्टर निजी क्षेत्र के लिए खोल दिए जाएंगे और सार्वजनिक कंपनियों का ज्यादा से ज्यादा निजीकरण होगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'सभी सेक्टर निजी क्षेत्र के लिए खुलेंगे और कुछ निर्धारित क्षेत्रों में ही सार्वजनिक कंपनियों (PSU) की भूमिका होगी.'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'सभी सेक्टर निजी क्षेत्र के लिए खुलेंगे और कुछ निर्धारित क्षेत्रों में ही सार्वजनिक कंपनियों की भूमिका होगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सभी सेक्टर निजी क्षेत्र के लिए खुलेंगे और कुछ निर्धारित क्षेत्रों में ही सार्वजनिक कंपनियों (PSU) की भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि सरकार जल्दी ही एक ऐसी नीति लेकर आएगी, जिसके तहत यह नोटिफाइड किया जाएगा कि कौन सी पब्लिक सेक्टर की कंपनियों को सामरिक क्षेत्र में ही रहने की जरूरत है.

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सामरिक क्षेत्र में कम से कम एक पीएसयू बनी रहेगी, लेकिन इसे निजी क्षेत्र के लिए भी खोला जाएगा. अन्य सभी क्षेत्रों में सार्वजनिक कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से जुड़ी पांचवीं और आखिरी चरण की घोषणाएं रविवार को की. वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि आपदा को अवसर में बदलने की जरूरत है. उसी के मुताबिक ये आर्थिक पैकेज तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि इस पैकेज में लैंड, लेबर, लॉ, लिक्विडिटी पर जोर दिया गया है.

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गौरतलब है कि मंगलवार को पीएम मोदी ने यह ऐलान किया था कि इकोनॉमी को बचाने और देश की जनता को कोरोना से राहत देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया जाएगा. मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की चौथे किश्त में शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जोर कारोबार और इंडस्ट्री जगत के कई सेक्टर में सुधार पर रहा. वित्त मंत्री ने कुल 8 सेक्टर में सुधारों का ऐलान किया. इनमें इंडस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण मिनरल्स या खनिज क्षेत्र में सुधार भी शामिल हैं.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार अब नीतिगत बदलावों और सुधारों पर जोर दे रही है. निर्मला ने इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किए गए डीबीटी, जीएसटी, आईबीसी, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, पब्लिक सेक्टर बैंकों के सुधार, डायरेक्ट टैक्स में सुधार, पावर सेक्टर में सुधार, सिंचाई, कोल सेक्टर में सुधार जैसी उपलब्धियों की याद दिलाई.

वित्त मंत्री ने कहा कि लिहाजा, राहत पैकेज की इस चौथी किश्त में संरचनात्मक सुधारों पर जोर दिया गया है. कुल 8 सेक्टर में सुधार किए जा रहे हैं जो इस प्रकार हैं- कोयला, मिनरल, डिफेंस प्रोडक्शन, सिविल एविएशन, ​पावर डिस्ट्रिब्यूशन, सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर, एटॉमिक एनर्जी क्षेत्र.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि मिनरल्स यानी खनिज क्षेत्र में भी सुधार होगा. अन्वेषण से लेकर उत्पादन तक निर्बाध प्रक्रिया होगी और ज्वाइंट ऑक्‍शन होगा. इसके अलावा कैप्टिव और नॉन कैप्टिव माइंस की परिभाषा बदलेगी. एक मिनरल इंडेक्स बनेगा.

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