देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी DLF के शेयर आज सुबह लगभग एक चौथाई तक जा गिरे. मंगलवार की सुबह जब शेयर बाजार खुला तो उसके बाद ये शेयर गिरते चले गए. समाचार लिखे जाने तक कंपनी के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 24.3 प्रतिशत तक गिरकर 111.25 रुपये पर जा पहुंचे थे. यह उसका 52 हफ्तों का न्यूनतम है.
ध्यान रहे कि कल बाजार नियामक सेबी ने कंपनी के छह वरिष्ठ अधिकारियों को तीन साल तक स्टॉक मार्केट में कारोबार करने पर रोक लगा दी थी. इन लोगों में कंपनी के चेयरमैन केपी सिंह भी हैं. बताया जाता है कि सेबी ने इस आरोप के कारण उनके खिलाफ यह कदम उठाया कि उन्होंने 2007 में अपना पब्लिक इश्यू लाते समय निवेशकों को बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारी छुपा ली थी. कंपनी ने पब्लिक इश्यू के जरिये 9,187 करोड़ रुपए उगाहे थे.
समझा जाता है कि रियल एस्टेट कंपनियों के लिए यह बुरी खबर है क्योंकि उनमें से कई गलत रास्तों का सहारा लेती हैं. निवेशक भी रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में पैसे लगाने के पहले सोचेंगे. बताया जाता है कि DLF इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी लेकिन उसे इस आदेश से काफी नुकसान हो चुका है.
कंपनी ने एक बयान में कहा है कि उसके ऑफर नोट को कानूनी विशेषज्ञों और मर्चेंट बैंकरों ने हरी झंडी दिखाई थी. उसने अपने शेयर धारकों से कहा कि उसने ऐसा कोई काम नहीं किया है जिसे गलत कहा जाए. उसने यह भी कहा कि वह पूरी ताकत से इस आदेश के खिलाफ अपील करेगी.