लॉकडाउन की वजह से उड़ान सेवाएं 3 मई तक के लिए ठप हैं. इस माहौल में देश की दिग्गज एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट ने अपने पायलटों को झटका दिया है. स्पाइसजेट की ओर से कहा गया है कि पायलटों को अप्रैल और मई महीने की सैलरी नहीं दी जाएगी. वहीं मालवाहक विमानों का परिचालन कर रहे पायलटों को उड़ान के घंटों के आधार पर भुगतान किया जाएगा.
कंपनी के मुख्य विमान परिचालन अधिकारी गुरचरण अरोरा ने इस संबंध में पायलटों को ई-मेल भी भेज दिया है. इस ई-मेल में उन्होंने बताया है कि मौजूदा वक्त में हमारे 16 प्रतिशत विमान और 20 प्रतिशत पायलट ही उड़ान भर रहे हैं.
स्पाइसजेट के बेड़े में 116 यात्री विमान
अरोरा आगे कहते हैं, ‘‘हम अपने पांच मालवाहक विमानों और यात्री विमानों से माल ढुलाई (कारगो ऑन सीट) करके यह उड़ानें भर रहे हैं. ऐसे में पायलटों को अप्रैल-मई 2020 के लिए कोई वेतन नहीं मिलेगा. जो पायलट मालवाहक विमानों की उड़ान भर रहे हैं, उन्हें उड़ान के घंटों के हिसाब से वेतन मिलेगा. आने वाले हफ्तों में हम अपने विमानों का परिचालन 50 प्रतिशत तक (मालवाहक और यात्री विमानों से मालवहन) और उड़ान भरने वाले पायलटों की संख्या 100 प्रतिशत तक करेंगे.’’ आपको बता दें कि स्पाइसजेट के बेड़े में 116 यात्री विमान और पांच मालवाहक विमान शामिल हैं.
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स्पाइसजेट ने ये फैसला ऐसे समय में लिया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार सैलरी कटौती नहीं करने की अपील कर रहे हैं. बीते दिनों पीएम मोदी ने हर सेक्टर की कंपनियों से अपील की थी कि न तो छंटनी करें और न ही सैलरी में कटौती करें. हालांकि, इसके बावजूद अलग-अलग सेक्टर से छंटनी और सैलरी कटौती की खबरें आ रही हैं.
अपील के बाद इंडिगो ने बदली योजना
हाल ही में देश की दिग्गज एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने जूनियर कर्मचारियों को मामूली राहत दी है. इसके साथ ही इंडिगो ने अपने सीनियर कर्मचारियों की सैलरी में कटौती का फैसला लिया है. बीते दिनों इंडिगो के सीईओ रोनोजॉय दत्ता ने कहा कि एयरलाइन अप्रैल महीने की सैलरी में कटौती करेगी.
हालांकि, कंपनी ने ये भी बताया है कि ये कटौती सिर्फ वरिष्ठ कर्मचारियों की सैलरी में से होगी. उन्होंने कहा यह निर्णय सरकार की उस अपील पर किया गया है जिसमें उसने कंपनियों से कर्मचारियों के वेतन में कटौती नहीं करने की बात की गयी है.