दिल्ली में व्यापारियों के संगठन चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने आने वाले बजट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है, जिसमें आने वाले बजट को लेकर व्यापारियों और उद्यमियों को राहत देने की मांग की गई है. सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि कोरोना से सबसे ज्यादा नुकसान व्यापारी वर्ग को ही हुआ था और अभी भी बहुत सारे सेक्टर कोरोना के कारण हुए नुकसान से उबर नहीं पाए हैं. प्रधानमंत्री मोदी के लिए पत्र लिखकर व्यापारियों ने 7 मांग रखी हैं.
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सीटीआई द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर की गई 7 मांगे:
1. इनकम टैक्स में छूट की सीमा 5 लाख होनी चाहिए. टैक्स रिबेट द्वारा 5 लाख तक के टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स से छूट दी गई है, छूट का लाभ सभी मध्यम एवं उच्चवर्गीय टैक्स पेयर्स जिनकी इनकम 5 लाख से ज्यादा है, उनको भी मिलना चाहिये. इसलिए ये छूट रिबेट के जरिए ना देकर, इनकम टैक्स की छूट की सीमा को बढ़ाकर देनी चाहिये.
2 . होम लोन पर टैक्स छूट का दायरा बढ़ाना चाहिए, जिससे कि रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती मिले.
3. सरकार को कच्चे माल पर इंपोर्ट ड्यूटी भी कम करनी चाहिए, बहुत सारा रॉ मैटेरियल विदेश से आता है, जिससे देश में प्रोडक्शन होता है.
4. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खबर है कि सरकार करीब 50 आइटमों जैसे सेलफोन, इलेक्ट्रॉनिक एवं इलेक्ट्रिक आइटम्स, फर्नीचर, स्टील आदि पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के साथ-साथ अलग से सेस या सरचार्ज भी लगा सकती है, अगर ऐसा होता है तो निश्चित रूप से महंगाई भी बढ़ेगी और व्यापार भी प्रभावित होगा.
5. होटल, इवेंट एवं होस्पिटेलिटी सेक्टर को कोरोना की सबसे ज्यादा मार पड़ी है, सरकार को बजट में इस सेक्टर के लिए अलग से राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए.
6. सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस करना होगा. घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करना होगा, ताकि देशी उद्योगों में अधिक उत्पादन हो सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' अभियान पर ठोस काम हो. भारतीय वस्तुओं की डिमांड होगी, तो यहां की इकोनॉमी भी बूस्ट होगी.
7 . बजट में जीएसटी को लेकर भी चर्चा होनी चाहिए, जीएसटी की दरों में कटौती के साथ-साथ जीएसटी के नियमों को भी सरल किया जाना चाहिए.