टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए साइरस मिस्त्री, रतन टाटा के साथ आठ सप्ताह के ‘बोर्ड रूम वार’ के बाद टाटा मोटर्स और इंडियन होटल्स सहित समूह की छह लिस्टेड कंपनियों के निदेशक मंडलों से हट गए हैं. टाटा समूह की कंपनियों टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कैमिकल्स व इंडियन होटल्स ने शेयर बाजारों को भेजी नियामकीय जानकारी में कहा है कि साइरस मिस्त्री ने उनके निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि मिस्त्री ने इसके साथ ही हार न मानने का संकेत देते हुए टाटा संस के साथ अपनी इस लड़ाई को ‘बड़े मंच’पर ले जाने का संकल्प जताया है.
मिस्त्री को 24 अक्तूबर को अचानक ही टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था जो कि टाटा समूह की सभी कंपनियों की धारक कंपनी है. मिस्त्री ने दो पन्ने के बयान व रिकार्ड वीडियो संदेश में कहा है, ' प्रभावी सुधार व टाटा समूह के कर्मचारियों, शेयरधारकों तथा अन्य भागीदारों के बेहतर हितों के उद्देश्य को ‘असाधारण आम बैठकों (ईजीएम) के मंच से हटकर’दूसरे मंच से बेहतर ढंग से हासिल किया जा सकता है. हालांकि मिस्त्री ने अपने बयान में यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा है कि वे टाटा संस या अन्य कंपनियों के निदेशक मंडलों से हट रहे हैं, लेकिन उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वे हट गए हैं. साथ ही, टाटा समूह की कंपनियों टाटा स्टील, इंडियन होटल्स कंपनी, टाटा मोटर्स और टाटा कैमिकल्स ने भी नियामकीय जानकारी में कहा है कि साइरस मिस्त्री ने तुरंत प्रभाव से कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है.
मिस्त्री का इस्तीफा सोची-समझी रणनीति: टाटा संस
टाटा संस ने साइरस मिस्त्री द्वारा टाटा समूह की विभिन्न कंपनियों के निदेशक मंडल से इस्तीफे दिए जाने को नकी ‘सोची-समझी रणनीति’ करार दिया. टाटा समूह की धारक कंपनी टाटा संस ने एक बयान में कहा है, ' मिस्त्री के इस्तीफे सोची-समझी रणनीति है, क्योंकि वह जानते हैं कि अधिसंख्य शेयरधारक उनके कामकाज के समर्थन में नहीं हैं. मिस्त्री लगातार आधारहीन व दुर्भावनापूर्ण आरोप लगा रहे हैं, उनके आरोपों का उपयुक्त जवाब दिया जाएगा।’
गौरतलब है कि टाटा संस ने गत 24 अक्टूबर को मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाकर उनकी जगह रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया था. इसके बाद टाटा समूह की कई अन्य कंपनियों ने ईजीएम बुलाई है ताकि यह तय किया जा सके कि उनके बोर्ड में मिस्त्री को रखना है या नहीं. टाटा संस भी पहले मिस्त्री से यह कह चुकी है कि कॉरपोरेट गवर्नेंस पर उन्हें अपने दावे के मुताबिक चलते हुए टाटा समूह की कंपनियों के बोर्ड से इस्तीफा देना चाहिए.