नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 रुपये के 97% बंद हो चुके पुराने नोट बैंकों में जमा होने से जुड़े मीडिया रिपोर्ट्स पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का कहना है कि ऐसे अनुमान शायद सही न हो.
जमा नोटों का वास्तविक बैलेंस से हो रहा मिलान
आरबीआई ने कहा कि वह इन 50 दिनों के दौरान जमा कराए गए प्रतिबंधित नोटों की संख्या में किसी भी तरह की त्रुटि की गुंजाइश को दूर करने के लिए विभिन्न करेंसी चेस्ट में इस दौरान जमा हुए नोटों का वास्तविक कैश बैलेंस से मिलान कर रहा है. केंद्रीय बैंक ने साथ ही कहा की नोटों की गिनती का काम तेजी से पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके बाद ही कुल जमा कराए गए नोटों के आंकड़े जारी किए जाएंगे.
जेटली बोले- जमा नोटों का मुझे पता नहीं
इससे पहले समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर में बताया गया था कि नोटबंदी के दौरान रिजर्व बैंक को 15 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट मिलने का अनुमान है. पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि 30 दिसंबर 2016 तक संभवत: 14.5 लाख करोड़ रुपये से लेकर 15 लाख करोड़ रुपये सिस्टम में वापस आ गए. उधर वित्तमंत्री अरुण जेटली से जब पूछा गया कि क्या 30 दिसंबर तक सिस्टम में लगभग 15 लाख करोड़ रुपये आ गए थे, तो उन्होंने कहा, मुझे संख्या तो पता नहीं है.
सरकार ने 9 नवंबर से नोटबंदी के तहत 500 और 1000 रुपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया. ये नोट जमा करवाने की अवधि 30 दिसंबर को समाप्त हो गई. हालांकि सरकार और आरबीआई ने इस बारे में आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है. आरबीआई ने आखिरी बार 10 दिसंबर तक के आधिकारिक आंकड़े जारी किए हैं, जिनमें बताया गया कि 12.44 लाख करोड़ रुपये मूल्य के पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट वापस आ गए.