कर्ज में डूबी हुई खाद्य तेल कंपनी रुचि सोया के अधिग्रहण के लिए बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद की संशोधित बोली पर जल्द फैसला हो सकता है. दरअसल, पतंजलि की बोली पर रुचि सोया के कर्जदाताओं की समिति विचार कर फैसला सुना सकती है. न्यूज एजेंसी पीटीआई सूत्रों के मुताबिक , कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) पतंजलि की संशोधित बोली पर विचार - विमर्श के लिए शुक्रवार को बैठक करने वाली है.
लंबे समय से जारी है पतंजलि का प्रयास
बाबा रामदेव की पतंजलि लंबे समय से रुचि सोया को खरीदने का प्रयास कर रही है. पतंजलि ने पिछले साल दिलचस्पी दिखाई थी लेकिन अधिग्रहण प्रक्रिया में अडाणी विल्मर सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी थी. हालांकि, उसने समाधान प्रक्रिया में देरी का हवाला देते हुए अधिग्रहण से हाथ पीछे खींच लिया था. इसके बाद पतंजलि ने एक बार फिर रुचि सोया को खरीदने के लिए कोशिश शुरू की.
इसी के तहत पिछले महीने रुचि सोया के लिए अपनी बोली को करीब 200 करोड़ रुपये बढ़ाकर 4,350 करोड़ रुपये कर दिया था. इससे पहले पतंजलि ने 4,160 करोड़ रुपये की पेशकश की थी. बीते महीने पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने संशोधित बोली की जानकारी देते हुए कहा था कि हम रुचि सोया को संकट से उबारने को प्रतिबद्ध हैं. तब उन्होंने कहा था कि हमने यह फैसला किसानों और उपभोक्ताओं सहित सभी अंशधारकों के हित को ध्यान में रखकर लिया है.
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने दिसंबर 2017 में कर्जदाता स्टैंडर्ड चार्टर्ड और डीबीएस बैंक के आवेदन पर रुचि सोया को दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता प्रक्रिया के लिए भेजा था.दिवाला प्रक्रिया और कंपनी के कामकाज के प्रबंधन के लिए शैलेंद्र अमरेजा को समाधान पेशवर नियुक्त किया गया था. बता दें कि रुचि सोया पर करीब 12,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. कंपनी के न्यूट्रेला, महाकोश, सनरिच , रुचि स्टार और रुचि गोल्ड जैसे ब्रांड हैं.