नोटबंदी लागू हुए आज पूरा एक साल हो गया है. बीजेपी जहां इसके फायदे गिना रही है, वहीं उत्तर पूर्वी दिल्ली के छोटे कारोबारी नोटबंदी को अपने लिए मुसीबत का सबब बता रहे हैं. छोटे कारोबारियों को कहना है कि नोटबंदी के दौरान पटरी से उतरा उनका व्यापार अब तक पटरी पर लौट नहीं पाया है. आज तक की टीम ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ कारोबारियों से बातचीत की और उनका हाल जानने की कोशिश की.
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के व्यापारी एक साल पूरे होने पर नोटबंदी का विरोध कर रहे हैं. लेकिन विरोध जताने के लिए इन्होंने एक अनोखा तरीका अपनाया है. व्यापारियों ने नोटबंदी की पहली सालगिरह के मौके पर मंदिर में हवन कराया, जिसमें 500 और 1000 के पुराने नोटों और पिछले साल बैंक में लाइन में लगे लोगों की मौत के बाद उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. इस दौरान व्यापारियों ने बकायदा पीएम मोदी और 500-1000 के नोटों के कटआउट को हाथों में लिया हुआ था.
व्यापारियों के मुताबिक नोटबंदी के बाद उनके व्यापार पर गहरा असर हुआ है. किराने की दुकान चलाने वाले रमेश के मुताबिक उन्होंने नोटबंदी के बाद सिर्फ इसलिए उधार राशन दिया, ताकि ग्राहक ना टूटे. लेकिन साल भर बाद भी ग्राहकी पटरी पर नहीं आ पाई है. वहीं मोबाइल दुकान के मालिक मोहन के मुताबिक उन्होंने ग्राहकी खराब ना हो इसके लिये paytm से लेकर सभी बैंकों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड के लिए स्वेपिंग मशीन लगवाई थी. लेकिन इसमें उनका पैसा कई-कई दिनों बाद उनके खाते में आता है, जिससे परेशानी होती है.