केन्द्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल एक बार फिर संसदीय समिति के सामने पेश होंगे. संसदीय समिति ने पटेल से नोटबंदी के ऐलान के बाद से अबतक बैंकों में जमा हो चुकी पुरानी करेंसी का ब्यौरा मांगा है. इसके साथ ही पटेल को समिति के सामने नई करेंसी के संचार को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों का ब्यौरा भी देना होगा.
मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पूर्व केन्द्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली वित्त मामलों की संसदीय समिति की बैठक 20 अप्रैल के लिए तय की गई है. संसदीय समिति ने पटेल के अलावा आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांता दास और वित्तीय सेवा सचिव अंजुली छिब दुग्गल को पेश होने के लिए कहा है.
गौरतलब है कि पिछले महीने संसदीय पैनल ने नोटबंदी के फैसले के बाद 500 और 1000 रुपये की प्रतिबंधित करेंसी के मुद्दे पर रिजर्व बैंक गवर्नर और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को पेश होने के लिए कहा था. गौरतलब है कि संसदीय समिति की नोटबंदी पर रिपोर्ट तैयार होने से पहले यह साक्ष्य एकत्र करने के लिए अधिकारियों से आखिरी मुलाकात होगी.
इस मुलाकात में संसदीय समिति रिजर्व बैंक और मंत्रालय के अधिकारियों से अभी तक बैंकों में जमा की जा चुकी पुरानी करेंसी का ब्यौरा मांग सकते हैं. इन अधिकारियों से समिति की पिछली मुलाकात में जानकारी मिली थी कि नोटबंदी के बाद 9.2 लाख करोड़ रुपये की नई करेंसी जारी की जा चुकी है. वहीं नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था से 86 फीसदी करेंसी, लगभग 15.44 लाख करोड़ को प्रतिबंधित कर दिया था.
इस मुलाकात के दौरान संसदीय समिति रिजर्व बैंक और मंत्रालय से नोटबंदी के दौरान बार-बार नियमों में हुए बदलाव पर भी कुछ सवाल पूछ सकती है.