नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा है कि नोटबंदी से तीसरी और चौथी तिमाही की जीडीपी में गिरावट आ सकती है. इस तरह पहली बार सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात स्वीकार की है. हालांकि, आज तक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में वरिष्ठ अर्थशास्त्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने देश को इस बात के लिए आश्वस्त भी किया कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को फायदा होगा और आगे चलकर जीडीपी में बढ़त होगी. गौरतलब है कि सरकार द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृदि्ध दर 7.3 फीसदी रही, जबकि पहली तिमाही में जीडीपी में बढ़त दर 7.1 फीसदी थी.
वक्त से पहले लानी पड़ी नोटबंदी
अरविंद पनगढ़िया से जब ये पूछा गया कि नकद निकासी के बारे में सरकार द्वारा नियमों में रोज कुछ न कुछ बदलाव क्यों किया जा रहा है, तो उन्होंने कहा, 'मेरा ऐसा मानना है कि प्रधानमंत्री को नोटबंदी को लागू करने का निर्णय समय से पहले लेना पड़ा, क्योंकि दो हजार रुपये के नोट जारी होने के बारे में कई हलकों में चर्चा होने लगी थी. हालांकि, इसके पहले प्रधानमंत्री ने कई बड़े कदम उठाए थे. भ्रष्टाचार से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है और नोटबंदी के निर्णय से प्रधानमंत्री को और मजबूती मिली है. प्रधानमंत्री का यह कदम ऐतिहासिक है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, इसलिए हालात का अंदाजा लगाना भी उतना ही मुश्किल था.'
रियल एस्टेट में कीमतें गिरेंगी
पनगढ़िया ने कहा कि प्रधानमंत्री रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी कुछ कदम उठा सकते हैं. पनगढ़िया ने कहा, 'रियल एस्टेट सेक्टर में ब्लैक मनी की वजह से ही स्टाम्प ड्यूटी काफी ज्यादा रखी जाती है. जब ब्लैक मनी बाहर हो जाएगी, तो स्टाम्प ड्यूटी अपने आप कम हो जाएगी. इससे रियल एस्टेट सेक्टर में कीमतें गिरेंगी. अभी ही देखा जाए तो रियल एस्टेट सेक्टर में कीमतें 30 फीसदी तक गिर गई हैं. उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर में बेनामी लेनदेन पर भी रोक लगाई जाएगी. प्रधानमंत्री ने भी इस बारे में पहले कहा है कि रियल एस्टेट सेक्टर में होने वाली बेनामी लेनदेन पर सरकार की नजर है.' उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था से 85 फीसदी करेंसी बाहर हो जाने से समस्या तो आएगी ही, लेकिन अब हालात तेजी से सुधर रहे हैं. आगे चलकर लोग ज्यादा से ज्यादा डिजिटल लेनदेन करेंगे.