नोटबंदी के बाद वित्त मंत्रालय ने बैंक खातों में पुराने नोट जमा करने की सीमा तय कर दी है. वित्त मंत्रालय के नए दिशा-निर्देश के मुताबिक, बैंक खाते में केवल एक ही बार 5000 रुपये से ज्यादा की रकम पुराने नोट में जमा करा सकेंगे. यह नया निर्देश इस साल 30 दिसबंर तक लागू रहेगा.
बैंक खातों के जरिये कालेधन को सफेद करने के सिलसिले पर रोक लगाने के लिए सरकार ने यह नया फैसला लिया है. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'बड़े नोट बैंक खातों में बार-बार नहीं जमा कराए जा सकते हैं. लोग अब 5,000 रुपये तक जमा करा सकते हैं जिस पर कोई प्रतिबंध नहीं है.'
Credit in such cases wil b afforded only aftr ques tenderer as to why this couldn't b deposited earlier&receiving a satisfactory explanation
— ANI (@ANI_news) December 19, 2016
रिजर्व बैंक की ओर से जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि 5,000 रुपये से ज्यादा की राशि भी सिर्फ उन्हीं खातों में जमा हो पाएगी, जिसका केवाइसी जमा है. साथ ही उन्हें बैंक अधिकारियों को यह बताना होगा कि उन्होंने बंद हो चुके 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट अब तक बैंक में जमा क्यों नहीं कराए थे. आपका जवाब संतोषजनक लगने पर ही उन्हें राशि जमा करने की इजाजत दी जाएगी. इसके साथ ही आपके जवाब को ऑडिट के लिए रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा. वहीं जिस खाते का केवाइसी जमा नहीं कराया गया है, उसमें 50,000 रुपये तक ही जमा कराने की सीमा होगी. इसका फैसला संबंधित अकाउंट से जुड़ी गतिविधियों के मुताबिक तय दिशा-निर्देशों के आधार पर होगा.
आरबीआई की नई अधिसूचना के मुताबिक, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के नाम से काला धन घोषणा की नई स्कीम के तहत पैसे जमा कराने की कोई सीमा नहीं होगी. इसके तहत काले धन का खुलासा करने वाले व्यक्ति को 50 प्रतिशत टैक्स और जुर्माना देना होगा.
इससे पहले राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने ईमेल अड्रेस blackmoneyinfo@incometax.gov.in जारी कर लोगों से इस पर काले धन की जानकारी देने को कहा है. उन्होंने साथ ही कहा, 'किसी को यह गलतफहमी नहीं रखनी चाहिए कि पैसे बस बैंक में जमा कर देने भर से उनका काला धन सफेद नहीं हो जाएगा.'