नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) अब एयरलाइन कम्पनियों के मनमानी को लेकर कड़ा कदम उठाने की तैयारी में है. एयरलाइन कम्पनियां टिकट रद्द करने पर अब मनमाने तरीके से शायद ही पैसे वसूल पाएं. डीजीसीए टिकट रद्द करने पर वसूले जाने वाले शुल्क की जांच कर रहा है.
पैसेंजर परेशान?
लगभग सारी एयरलाइन कम्पनियों ने आपस में सांठ-गांठ करके टिकट रद्द करने पर वसूले जा रहे शुल्क में जबरदस्त बढ़ोतरी की. जिनमें घरेलू विमानन कंपनी इंडिगो, जेट एयरवेज वा स्पाइसजेट प्रमुख हैं जिन्होंने हाल ही में में अपने टिकट रद्द करने पर वसूले जाने वाले शुल्क को एकतरफा ढंग से बढाया है. बाद में अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों पर भी इन कम्पनियों ने मनमाने ढंग से टिकट रद्दीकरण शुल्क में जबरदस्त बढ़ोत्तरी की जिसको लेकर पैसेंजर परेशान है.
अब नहीं चलेगी मनमानी
एयरलाइन कम्पनियों के इस मनमाने रवैये के खिलाफ सरकारी एजेंसियों ने भी कमर कस ली है. जहां डीजीसीए मामले की पूरी जांच की तयारी में है तो एयर पैसेंजर एसोसिएशन आफ इंडिया (एपीएआई) भी एयरलाइन कम्पनियों की शिकायत भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से करने जा रही है. एपीएआई की अध्यक्ष शंकर रेड्डी ने कहा कि वे इस मुद्दे पर शीघ्र ही प्रतिस्पर्धा आयोग से संपर्क करेंगे और एयरलाइन कंपनियों की इस गुटबंदी को तोड़ेंगे.