चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर की अवधि में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 14.10 फीसदी बढ़कर 8.74 लाख करोड़ रुपये रहा. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी. इस दौरान इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 1.30 लाख करोड़ रुपये का रिफंड किया. यह रिफंड पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि से 17 फीसदी ज्यादा है. इस अवधि के दौरान एडवांस टैक्स कलेक्शन भी पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 14.50 प्रतिशत बढ़कर 3.64 लाख करोड़ रुपये रहा.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘दिसंबर 2018 तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 14.10 फीसदी अधिक हो कर 8.74 लाख करोड़ रुपये रहा है.’’रिफंड के समायोजन के बाद प्योर टैक्स कलेक्शन 13.60 फीसदी की वृद्धि के साथ 7.43 लाख करोड़ रुपये रहा है. चालू वित्त वर्ष के बजट में 11.50 लाख करोड़ रुपये का प्योर डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य रखा गया है. इस तरह से अभी तक बजट लक्ष्य की 64.70 फीसदी टैक्स प्राप्ति हुई है.
कॉरपोरेट टैक्स की सकल प्राप्तियों में 14.8 फीसदी और व्यक्तिगत इनकम टैक्स की सकल प्राप्तियों में 17.2 प्रतिशत की वृद्धि रही है. रिफंड के बाद कॉरपोरेट टैक्स के संग्रह में 16 फीसदी की तथा व्यक्तिगत इनकम टैक्स संग्रह में 14.8 प्रतिशत की प्योर वृद्धि हुई है.बता दें कि हाल ही में वित्त वर्ष 2017-18 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के समक्ष डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 5.98 फीसदी रहा है. यह अनुपात पिछले 10 साल का सर्वश्रेष्ठ स्तर है. वित्त मंत्रालय के मुताबिक जीडीपी-डायरेक्ट टैक्स रेश्यो 2016-17 में 5.57 फीसदी, 2015-16 में 5.47 फीसदी रहा.