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राष्ट्र के नाम पहले संदेश में बदल गए ट्रंप!

ट्रंप ने न तो मेक्सिको सीमा पर बाउंड्री बनाने के विषय में कोई बयान दिया और न ही उन्होंने देश से मुसलमानों को बाहर निकालने के मुद्दे पर किसी नीति को उजागर किया. वह ओबामा केयर प्रोग्राम को बंद करने और इंफ्रा पर 1 ट्रिलियन डॉलर के निवेश पर भी चुप रहे.

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चुनाव जीतने के बाद वीडियो मैसेज से जाहिर की नीति
चुनाव जीतने के बाद वीडियो मैसेज से जाहिर की नीति

अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी नीतियों और योजनाओं को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. इसके लिए सबसे पहले प्रेसिडेंट इलेक्ट ने एक वीडियो मैसेज जारी करते हुए इमीग्रेशन, ट्रेड डील और डिफेंस नीति पर से पर्दा उठाया है. ट्रंप के मुताबिक इन नीतियों को उनके कार्यकाल के पहले 100 दिन में लागू कर दिया जाएगा. अपने मैसेज में ट्रंप ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता देश में वर्क वीजा के दुरुपयोग का पता लगाना है. साथ ही ट्रंप ने कहा कि वह कार्यभार संभालने के पहले ही दिन देश को दुनिया के सबसे बड़े ट्रेड समझौते ट्रांस पैसिफिक पार्टनर्शिप (टीपीपी) से बाहर करने पर फैसला ले लेंगे.

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दुनिया के सबसे बड़े व्यापार समझौते से बाहर होगा अमेरिका

राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद जारी अपने पहले वीडियो संदेश में टीपीपी को अमेरिका के लिये विनाशकारी बताया . लिहाजा, अपने चुनावी वादे को दोहराया कि 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालने के तुरंत बाद अमेरिका इस समझौते से बाहर हो जायेगा. इस समझौते की जगह अमेरिकी द्विपक्षीय व्यापार समझौतों पर बातचीत शुरू करेगे जिससे रोजगार और उद्योग को अमेरिका से बाहर जाने से रोका जा सके. विश्व इतिहास में टीपीपी सबसे बड़ा व्यापार समझौता है. इसमें एशिया पैसिफिक क्षेत्र के 12 देश शामिल हैं. यह व्यापार समझौता 2015 में हुआ था और अमेरिका के अलावा जापान, मलेशिया, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा और मैक्सिको इसमें शामिल थे. हालांकि, कई देशों ने अभीतक इस समझौते की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.

अमेरिका फर्स्ट की नीति पर चलेंगे ट्रंप

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देश को दिए पहले संदेश में ट्रंप ने एक बार फिर कहा कि उनका एजेंडा सीधे-सादे मूल सिद्वांत पर आधारित है. वह हर क्षेत्र में अमेरिका फर्स्ट के सिद्धांत को मानते हैं. इसके लिए चाहे इस्पात उत्पादन का मामला हो, कार मैन्यूफैक्चरिंग की बात हो या फिर किसी बीमारी का इलाज हो, सभी उत्पादन और रिसर्च का काम अमेरिका में करने को प्राथमिकता दी जाएगी. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में वर्कफोर्स के लिए संपत्ति और रोजगार पैदा करने को सबसे ज्यादा प्राथमिकता उनके कार्यकाल में मिलेगी.

चुनावी वादा निभाने की तैयारी?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के दौरान ट्रंप व्यापार समझौतों के खिलाफ खुलकर अपनी बात कहते रहे हैं. ट्रंप के यह घोषणा करने से कुछ ही घंटे पहले जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे को चेतावनी के लहजे में कहा कि टीपीपी समझौता अमेरिका की भागीदारी के बिना बेकार होगा.

एच1 वीजा पर गिरेगी गाज

ट्रंप ने यह भी वादा किया कि वह उनका श्रम विभाग प्रवासी कामगारों के लिये दिये जाने वाले वीजा कार्यक्रम के दुरुपयोग की जांच करेगा. आईटी क्षेत्र में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों को ट्रंप के शासनकाल में कड़ी जांच के दौर से गुजरना पड़ सकता है. ट्रंप के प्रस्तावित अटार्नी जनरल जेफ सेसन ने यह बात साफ तौर पर कही है. जेफ एच-1बी वीजा कार्यक्रम के कड़े आलोचक रहे हैं. विदेशी श्रमिकों के खिलाफ अभियान चलाने वालों का कहना है कि ट्रंप एच-1बी वीजा के इस्तेमाल के खिलाफ कदम उठा सकते हैं. अमेरिका में यह वीजा आउटसोर्सिंग कंपनियों को जारी किया जाता है.

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मेक्सिको की दीवार, मुसलमान को देश निकाला पर चुप रहे ट्रंप

चुनाव जीतने के बाद राष्ट्र को दिए पहले संदेश में प्रेसिडेंट इलेक्ट ट्रंप ने अपने सबसे विवादित चुनावी वादों पर चुप्पी साध ली. ट्रंप ने न तो मेक्सिको सीमा पर बाउंड्री बनाने के विषय में कोई बयान दिया और न ही उन्होंने देश से मुसलमानों को बाहर निकालने के मुद्दे पर किसी नीति को उजागर किया. वहीं ट्रंप ने अमेरिका में स्वास्थ सुविधाओं के लिए शुरू हुए ओबामा केयर प्रोग्राम पर भी कुछ नहीं कहा. और अमेरिका में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में 1 ट्रिलियन डॉलर खर्च करने के चुनावी वादे पर भी ट्रंप ने चुप्पी साध ली.

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