अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सहयोगी और अटॉर्नी जनरल पद के लिए नामांकित जेफ सेसंस ने अमेरिकी सांसदों को भरोसा दिया है कि एच-1 बी और एल-1 वर्क वीजा का 'दुरुपयोग' रोकने के लिए नई सरकार कदम उठाएगी. गौरतलब है कि इस वीजा का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल भारतीय आईटी प्रोफेशनल द्वारा किया जाता है. अगर नई सरकार ने इस मामले में कोई सख्ती दिखाई तो इससे भारतीय आईटी सेक्टर को काफी नुकसान हो सकता है.
ट्रम्प और उनके सहयोगियों के सख्त रवैए को देखते हुए यह आशंका जताई जा रही है कि गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजार में भारतीय आईटी और फार्मा शेयरों में भारी गिरावट आएगी. अमेरिकी सीनेट की न्यायिक समिति के सदस्यों से बात करते हुए जेफ सेसंस ने सख्त लहजे का इस्तेमाल करते हुए कहा, ' यह सोचना गलत है कि हम पूरी तरह से मुक्त दुनिया में हैं और अमेरिकियों की नौकरी दुनिया में कहीं से कोई ऐसा व्यक्ति ले सकता है जो कम वेतन पर काम करने को तैयार हो.' सीनेट की न्यायिक समिति के चेयरमैन चार्ल्स ग्रैसली के सवाल पर सेसंस ने कहा, 'हमारी अपने नागरिकों के प्रति एक प्रतिबद्धता है. हम इसके हिसाब से काम करेंगे.'
गौरतलब है कि इसके पहले भी सेसंस और ग्रैसली मिलकर एच-1 बी वीजा पर ऐसा कानून लाने के लिए काम कर चुके हैं, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों को काफी नुकसान हुआ था. सेसंस जिस न्याय विभाग के प्रमुख बनने वाले हैं, उसके तहत ही ऑफिस ऑफ स्पेशल काउंसेल फॉर इमिग्रेशन (OSCI)आता है. ओएससीआई इमिग्रेशन और राष्ट्रीयता एक्ट के भेदभाव रोधी प्रावधानों को लागू करता है.