डायरेक्ट टैक्स कोड (DTC) पर गठित समिति ने पर्सनल इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव, सभी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 25 फीसदी करने का खाका तैयार करने जैसे कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. समिति ने अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपी है. समिति ने टैक्स जमा करने की प्रक्रिया को भी सरल बनाने का सुझाव दिया है.
वित्त मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्वीट में बताया है, 'केंद्रीय वित्त मंत्री ने नए डायरेक्ट टैक्स लॉ के प्रारूप बनाने पर गठित टास्क फोर्स के संयोजक अखिलेश राजन से रिपोर्ट हासिल की है.' अखिलेश राजन ने सोमवार को यह रिपोर्ट वित्त मंत्री को सौंपी. इस रिपोर्ट के बारे में वित्त मंत्रालय अंतिम निर्णय लेगा और इस पर जनता की राय लेने के लिए इसे सार्वजनिक भी किया जाएगा.
चार टैक्स स्लैब का सुझाव
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि समिति ने 5 से 20 फीसदी के चार टैक्स स्लैब बनाने का सुझाव दिया है. फिलहाल 5 से 30 फीसदी का टैक्स स्लैब है. अभी 60 साल से कम व्यक्ति के मामले में 2.5 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगता, 2.5 से 5 लाख रुपये तक 5 फीसदी, 5 से 10 लाख रुपये पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से ऊपर के टैक्स पर 30 फीसदी का इनकम टैक्स लगाया जाता है. 2.5 से 5 लाख रुपये तक की आय भी एक तरह से करमुक्त है, क्योंकि इस पर विभाग रिबेट देता है.
इसी तरह कंपनियों के लाभांश वितरण कर (DDT), न्यूनतम वैकल्पिक कर (MAT) में भी कुछ बदलाव का सुझाव दिया गया है. वित्त मंत्रालय ने हाल में समिति की रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 19 अगस्त कर दी थी.
इस टास्क फोर्स का गठन CBDT के पूर्व सदस्य अरविंद मोदी की अध्यक्षता में नवंबर 2017 में किया गया था. समिति का लक्ष्य इनकम टैक्स एक्ट की समीक्षा और नए डायरेक्ट टैक्स कोड का प्रारूप तैयार करना था. मोदी के रिटायर होने के बाद वित्त मंत्रालय ने CBDT के एक और सदस्य अखिलेश राजन को समिति का अध्यक्ष बना दिया.
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में यह घोषणा कर दी है कि सालाना 400 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली कंपनियों पर सिर्फ 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स लगेगा. इससे 99.3 फीसदी कंपनियां 25 फीसदी के दायरे में आ गई हैं. सरकार ने पिछले पांच साल में चरणबद्ध रूप से कॉरपोरेट टैक्स को ज्यादातर कंपनियों के लिए 30 से 25 फीसदी किया है. हालांकि तथ्य यह भी है कि जिन 0.7 फीसदी कंपनियों पर 30 फीसदी का टैक्स लगाया जाता है, उनसे कुल कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन का करीब 80 फीसदी आता है.