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ई-रिक्शा पर 5% नहीं, लगेगा 28 फीसदी GST, AAR ने साफ की तस्वीर

ई-रिक्शा पर 28 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा.  मोटर वाहन अधिनियम के तहत ये 'मोटर वाहन' के रूप में शामिल हैं. अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स (एएआर) के आदेश में यह बात साफ की गई है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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ई-रिक्शा मोटर वाहन अधिनियम के तहत 'मोटर वाहन' के रूप में शामिल हैं. इसलिए इन पर 28 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा. अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स (एएआर) ने अपने आदेश में यह बात साफ की है.

एएआर की महाराष्ट्र-खंडपीठ की तरफ से यह ऑर्डर उस आवेदन के जवाब में आया है, जिसमें टायर निर्माता सियट लिमिटेड ने ई-रिक्शा पर लगने वाले जीएसटी को लेकर तस्वीर साफ करने को कहा था.

कंपनी ने पूछा था कि क्या ई-रिक्शा को तीन टायरों वाली साइकिल रिक्शा की श्रेणी में शामिल किया जा सकता है या नहीं? दरअसल इन रिक्शा पर 5 फीसदी जीएटी लगता है.  इसके जवाब में एएआर ने कहा कि ई-रिक्शा में पैडल नहीं हैं, जो 'तीन पहिया साइकल रिक्शा' के रूप में शामिल होने के लिए जरूरी है.

एएआर ने अपने ऑर्डर में कहा है कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत ई-रिक्शा मोटर वाहन हैं और स्थानीय परिवहन प्राधिकरणों ने सार्वजन‍िक वाहन के तौर पर पंजीकृत किया है.

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इसलिए यह बहुत स्पष्ट है कि ई-रिक्शा और साइकिल संचालित रिक्शा एक नहीं बल्कि दो अलग-अलग वस्तुएं हैं. वर्तमान जीएसटी कानून के तहत यह स्पष्ट है कि ई-रिक्शा में उपयोग किए जाने वाले टायर साइकल रिक्शा वाले टायर नहीं हैं. इसलिए कुछ निर्माताओं, कारोबारियों और आयातकों द्वारा चार्ज   के तौर पर लिया जाने वाला जीएसटी 2.5 फीसदी नहीं, बल्क‍ि 14 फीसदी  जीएसटी की सर्वोच्च दर है.

बता दें कि जीएसटी के तहत टैक्स केंद्र और राज्यों के बीच समान रूप से साझा किया जाता है. इसलिए दो पहिया और तीन पहिया साइकल रिक्शा में उपयोग किए जाने वाले न्यूमैटिक टायर अथवा इनर ट्यूब पर केंद्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी को मिलाकर 5 फीसदी जीएसटी लगाया जाता है.  हालांकि नये न्यूमैटिक टायरों पर 28 फीसदी जीएटी लगाया जाता है.

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