साल 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य पर काम कर रही मोदी सरकार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने सलाह दी है. आईएमएफ के मुताबिक भारत को कारोबार करने के माहौल को आसान बनाने और व्यापार से जुड़े नियमों में छूट देने से विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही चालू खाते के घाटे में सुधार करने में भी मदद मिलेगी. बता दें कि चालू खाता घाटा (CAD) 2018-19 में बढ़कर 57.2 अरब डॉलर यानी जीडीपी के दो फीसदी के बराबर हो गया है. साल 2017-18 में यह 1.8 फीसदी पर था.
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की ओर से जारी ‘एक्सटर्नल सेक्टर’ रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में व्यापार बाधाएं अभी भी बनी हुई हैं. राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के साथ बैंकों और कंपनियों की बैलेंस शीट में सफाई के जरिए कर्ज की उपलब्धता बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए चाहिए. मुद्राकोष ने सलाह दी है कि विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कारोबारी माहौल में उदारता की जरूरत है और दिक्कतों में सुधार करना होगा. इसके साथ ही घरेलू आपूर्ति की दिक्कतों को दूर करना होगा.
विदेशी निवेश पर सरकार का भी जोर
मोदी सरकार 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लिए 8 फीसदी की विकास दर के लक्ष्य का प्रयास कर रही है. हाल ही में मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) केवी सुब्रमणियम ने भी इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विदेशी निवेश के बढ़ावे पर जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी बॉन्ड जारी करने के अलावा हमें निवेश के जरिये विदेशी पूंजी की आवश्यकता होगी. एक बार निवेश में तेजी का चक्र शुरू होने के साथ अर्थव्यवस्था के दूसरे हिस्सों में भी तेजी आएगी.’’ केवी सुब्रमणियम के मुताबिक जब हमें निवेश मिलता है तो उससे उत्पादकता, निर्यात और रोजगार बढ़ता है. इस वजह से मांग बढ़ती है और एक बार फिर निवेश बढ़ता है. इसको गति देना जरूरी है.