आर्थिक सुधार की दिशा में सरकार के कदम, भारतीय रिजर्व बैंक की नीतिगत दरों में कटौती, युआन और रुपये में गिरावट का सिलसिला थमने की वजह से बाजार में मजबूती की संभावना है.
इस सप्ताह निवेशकों की नजर मानसून की स्थिति, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंकड़ों और वैश्विक बाजारों के रुझानों और तेल की कीमतों पर भी बनी रहेगी.
नीतिगत दरों में कटौती के आसार
पिछले सप्ताह जारी प्रमुख आंकड़ों से बाजार की उम्मीद बढ़ी है कि भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में कटौती कर सकता है. पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता महंगाई दर जुलाई में 3.78 फीसदी रही और थोक महंगाई दर नकारात्मक 4.05 फीसदी रही. औद्योगिक विकास दर भी जून में बढ़कर 3.8 फीसदी रही.
2016 तक CPI का लक्ष्य 6 फीसदी
आरबीआई ने जनवरी 2016 तक उपभोक्ता महंगाई दर (CPI) का लक्ष्य छह फीसदी रखा है. जियोजीत बीएनपी पारिबा के तकनीकी रिसर्च डेस्क के सह-प्रमुख आनंद जेम्स ने आईएएनएस से कहा, "बेहतर विकास और महंगाई दर से उम्मीद पैदा हुई है कि नीतिगत दरों में कटौती होगी."
पूंजी निवेश से शेयरों में तेजी की उम्मीद
बैंकों में पूंजी निवेश और बैंक्स बोर्ड ब्यूरो की स्थापना से संबंधित सरकार की घोषणा के कारण बैंकों के शेयरों में तेजी रह सकती है. कोटक सिक्युरिटीज के प्राइवेट क्लाइएंट ग्रुप रिसर्च के प्रमुख दीपेन शाह ने आईएएनएस से कहा, "सरकारी बैंकों के बारे में वित्त मंत्रालय की घोषणा का बैंकों के काम-काज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा."
बैंकों में 25 हजार करोड़ का निवेश
सरकार ने 14 अगस्त को कहा कि वर्तमान तथा अगले कारोबारी वर्ष में बैंकों में 25 हजार करोड़ रुपये निवेश किया जाएगा. इसके बाद 2017-18 और 2018-19 में इन बैंकों में 20 हजार करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे.अभी निवेश किए जाने वाले 25 हजार करोड़ रुपये तीन किस्तों में दिए जाएंगे.
युआन और रुपये में गिरावट थमने से बाजार में तेजी के आसार
युआन और रुपये में गिरावट का सिलसिला थमने का भी बाजार पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा.पिछले सप्ताह चीन की मुद्रा युआन के अवमूल्यन से एशिया के दूसरे देशों में भी अवमूल्यन का भय पैदा हो गया था. हालांकि युआन में 0.5 फीसदी मजबूती आने से निवेशकों को राहत मिली. इससे रुपया भी संभल कर प्रति डॉलर 64.99 पर आ गया.