बुधवार को देश के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने संसद में साल 2012-13 का आर्थिक सर्वे पेश किया. बजट से पहले सरकार ने जो आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया है उसमें महंगाई कम होने का भरोसा जताया गया है. सर्वे में कहा गया है कि इस साल आर्थिक विकास दर 6 फीसदी से ज्यादा रहेगी.
सर्वे में एक बार फिर सब्सिडी कम करने की वकालत की गई है. कहा गया है कि डीजल और एलजीपी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार के आधार पर तय होने चाहिए. कहा जाए तो आम आदमी के लिए आने वाले दिनों में किसी राहत की उम्मीद नजर नहीं आ रही है.
हालांकि सर्वे में सरकार ने उम्मीद जताई है कि मार्च तक महंगाई को काफी हद तक काबू में कर लिया जाएगा. सर्वे में सरकार के सामने महंगाई को सबसे बड़ी चुनौती बताया गया है.
आर्थिक सर्वे के मुख्य अंश
1. सामाजिक क्षेत्र को ज्यादा पैसे मिले.
2. 6 फीसदी से ज्यादा विकास दर का अनुमान.
3. महंगाई दर में कमी का अनुमान.
4. विकास दर से 6.1 से 6.7 फीसदी रहने का अनुमान.
5. डीजल और एलपीजी के दाम बढ़ाने की जरूरत
6. अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से तय हो डीजल और एलपीजी के दाम
7. आर्थिक मंदी खत्म होने के करीब
8. 2012-13 की आर्थिक समीक्षा के अनुसार निवेश में गिरावट के कारण अनेक परियोजनाएं रुक गई हैं और नई परियोजनाएं शुरू नहीं हो पा रही है.
9. आर्थिक समीक्षा के अनुसार देश में गरीबी में गिरावट आई है. हालांकि यह गरीबी मापने के तरीके को लेकर कुछ मतभेद है लेकिन तेंदुलकर समिति द्वारा सुझाए गए तरीके के अनुसार गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वालों की संख्या 2004-05 के 37.2 प्रतिशत से घटकर 2009-10 में 29.8 प्रतिशत रह गई है.
10. सर्वे के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में सामाजिक कार्यक्रमों में सरकारी व्यय में काफी बढ़ोतरी हुई है. 11वीं योजना अवधि में सात महत्वपूर्ण कार्यों पर लगभग 7 करोड़ रूपए खर्च किए गए.
11. मंदी की स्थिति के बावजूद 2014 में तेजी आने की संभावना है. निजी क्षेत्र में चल रही मंदी और सरकारी राजकोषीय समेकन के साथ विश्लेषकों ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2013 में वैश्विक सुधार अत्यंत संतुलित हो गए हैं जिससे 2014 में अर्थव्यवस्था में तेजी आ सकती है.
12. भारत विदेशी माहौल पर निर्भर नहीं रह सकता और उसे घरेलू संतुलन बहाल करने के लिए तुरंत उपाए करने होंगे.
13. आर्थिक सर्वेक्षण 2012-13 के अनुसार अप्रैल-दिसम्बर 2012 तक सकल कर राजस्व साल दर साल 15 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 6,83,345 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. यह अप्रैल-दिसंबर 2011 की तुलना में 12.2 फीसदी अधिक है, हालांकि यह वर्ष 2012-13 के बजट में अनुमानित 10,77,612 करोड़ रुपये से काफी कम है.
14. औद्योगिक उत्पादन में सालाना वृद्धि के ताजा आंकडों से संकेत मिलता है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भी औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ोतरी तीन प्रतिशत के आसपास बनी रह सकती है.
15. गैर-खाद्य विनिर्माण क्षेत्र और वैश्विक कॉमोडिटी मूल्यों में सुधार के साथ मार्च 2013 में थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति घटकर 6.2 से 6.6 प्रतिशत के बीच आ सकती है.
16. सरकार विनिवेश के माध्यम से 40 हजार करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और 13854 करोड़ रुपये सरकार हासिल कर चुकी है.
17. आर्थिक सर्वेक्षण 2012-13 में सब्सिडी पर होने वाले खर्च पर अंकुश लगाने की बात कही गई है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि सब्सिडी पर खर्च नियंत्रण महत्वपूर्ण होगा. पेट्रोलियम उत्पादों विशेषकर डीजल और रसोई गैस की घरेलू कीमतों में अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के मुताबिक वृद्धि करने की जरूरत है.