आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है. सरकार की ओर से आर्थिक मोर्चे पर लगातार फैसले लिए जा रहे हैं. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में बैठकों का दौर भी जारी है. इसी के तहत शुक्रवार को निर्मला सीतारमण ने वित्त सचिवों और प्रमुख मंत्रालयों के वित्तीय सलाहकारों के साथ बैठक की.
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्त मंत्रालय समय पर विभिन्न मंत्रालयों को फंड जारी करने के मुद्दे पर विचार कर रहा है. वित्त मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि हर मंत्रालय को समय पर पैसा मिले. बता दें कि मंत्रालयों के खर्च के पैसे वित्त मंत्रालय की ओर से ही जारी किया जाता है. हालांकि वित्त मंत्रालय यह पैसा समय पर जारी नहीं कर पाता है.बहरहाल, इस फैसले से विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज में तेजी आने की उम्मीद है.
Finance Minister Nirmala Sitharaman: At this stage, my intention is to make sure that government does not sit on payments which are due, govt does not sit on CAPEX (capital expenditure) which it had planned. https://t.co/j6K50zknay pic.twitter.com/JdpH3Rz4Qz
— ANI (@ANI) September 27, 2019
वहीं बैठक के बाद व्यय सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू ने कहा कि हम सचिवों से अनुरोध करते हैं कि वे उन एजेंसियों की निगरानी करें जो व्यय से निपटती हैं. उन्होंने आगे कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मासिक और तिमाही धन राशि जारी करें तो कोई देरी न हो.
गुरुवार के प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या हुआ?
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्राइवेट सेक्टर के अलग-अलग बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए वित्त मंत्री ने बताया, " यह बैठक अच्छी और मजबूती देने वाली रही, जिसमें मैंने अच्छी और सकारात्मक चीजें सुनीं." सीतारमण के मुताबिक आर्थिक सुस्ती अब अंत की ओर है और आगामी त्योहारी सीजन की वजह से अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी.
किस-किस सेक्टर को मिल चुकी है राहत?
बीते एक महीने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अलग-अलग सेक्टर को राहत दे चुकी हैं. बीते शुक्रवार को कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का ऐलान किया गया तो वहीं नए निवेशकों को भी छूट दी गई. इससे पहले उन्होंने हाउसिंग सेक्टर के फ्लैट निर्माण में तेजी लाने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का फंड देने की घोषणा की थी.
वहीं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी कई रियायते देने की बात कही गई. इसके अलावा बैंकिंग सेक्टर को राहत देने के लिए भी निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था. तब उन्होंने पीएनबी समेत 10 सरकारी बैंकों के मर्जर की घोषणा की गई है. यही नहीं, देश के अलग-अलग जिलों में लोन मेला लगाने की भी घोषणा की जा चुकी है.
ऑटो सेक्टर को मामूली राहत
हालांकि आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रहे ऑटो सेक्टर को उम्मीद के मुताबिक राहत नहीं मिली है. दरअसल, ऑटो सेक्टर लगातार जीएसटी कटौती की मांग कर रहा है लेकिन सरकार ने बीते शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में इसको लेकर कोई बड़ा फैसला नहीं लिया. वहीं कोई पॉजीटिव संकेत नहीं दिए.