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आर्थिक मोर्चे पर सुस्‍ती बरकरार! दिसंबर तिमाही में GDP ग्रोथ 4.5% रहने का अनुमान

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि अक्टूबर-दिसंबर के दौरान देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.5 फीसदी पर स्थिर रहेगी.

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एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने जताया अनुमान
एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने जताया अनुमान

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  • अक्‍टूबर- दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.5% पर स्थिर रहने का अनुमान
  • देश के सामने आर्थिक रूप से कोरोना वायरस से प्रभावित होने का जोखिम

केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद देश की जीडीपी ग्रोथ रेट पर कोई खास असर पड़ता नहीं दिख रहा है. दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया है कि अक्‍टूबर- दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.5 फीसदी पर स्थिर रहेगा. यहां आपको बता दें कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े इसी हफ्ते शुक्रवार को जारी किए जा सकते हैं.

क्‍या कहा SBI के अर्थशास्‍त्रियों नें?

एसबीआई के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि देश के समक्ष आर्थिक रूप से कोरोना वायरस से प्रभावित होने का जोखिम है. इसका कारण विभिन्न वस्तुओं के लिए चीन से आयात पर उच्च निर्भरता है. अर्थशास्त्रियों के मुताबिक समग्र प्रमुख संकेतक बताते हैं कि ग्रोथ रेट पिछली तिमाही में 4.5 फीसदी के समान स्थिर रहेगी. इसमें 33 विभिन्न संकेतकों से प्राप्त जानकारी का विश्लेषण किया गया है.

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कोरोना वायरस के मामले में एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि औषधि समेत अन्य क्षेत्रों में आपूर्ति श्रृंखला से आर्थिक प्रभाव पड़ने की आशंका है. अर्थशास्त्रियों के अनुसार हांगकांग को कपास और हीरे जैसे जिंसों के सीधे निर्यात और वाहनों के कल-पुर्जे के अलावा सौर परियोजनाएं से जुड़े उपकरणों के आयात जैसे क्षेत्रों पर असर पड़ेगा. यही नहीं, कोरोना वायरस पक्षियों से संबंधित नहीं होने के बावजूद पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री पर भी प्रभाव पड़ा है.

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ग्रोथ रेट 4.7% का अनुमान

इसके अलावा एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ग्रोथ रेट के अनुमान को संशोधित कर 4.7 फीसदी कर दिया है. इससे पहले 4.6 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान जताया गया था. यहां बता दें कि सरकार ने 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ रेट 5 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया है जो 11 साल का न्यूनतम स्तर है. इसका मुख्य कारण घरेलू खपत में गिरावट और वैश्विक बाजारों में नरमी है जिसका असर देश के निर्यात पर पड़ा है.

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