मशहूर उद्योगपति विजय माल्या को सोमवार को दोहरा झटका लगा है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जहां उनके खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज किया है, वहीं एसबीआई की अर्जी पर DRT ने 500 करोड़ के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है. उन पर भारतीय स्टेट बैंक समेत कई बैंकों के डिफॉल्टर होने का आरोप है.
सोमवार को बंगलुरु कोर्ट में मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि जब तक केस चल रहा है माल्या पैसे नहीं निकाल सकते हैं. मामले में अगली सुनवाई 28 मार्च को होनी है.
ईडी ने सीबीआई की शिकायत पर माल्या के खिलाफ केस दर्ज किया है. सूत्रों ने बताया कि ईडी अधिकारी जल्द ही माल्या से पूछताछ कर सकते हैं.
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विजय माल्या के साथ-साथ किंगफिशर एयरलाइंस के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर ए रघुनाथन, आईडीबीआई बैंक के पूर्व
सीएमडी योगेश अग्रवाल, आईडीबीआई बैंक के सदस्य बीके बत्रा और इसी बैंक के दो-तीन और अधिकारियों के खिलाफ
एनफोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की गई है. इन सबके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए)
की धारा 3 और 4 के तहत केस दर्ज किया गया है.
माल्या की गिरफ्तारी के लिए SBI की याचिका
किंगफिशर एयरलाइंस के हजारों करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने में असफल रहे विजय माल्या की गिरफ्तारी और उनका पासपोर्ट जब्त कराने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी.
7800 करोड़ रुपये बकाया
एसबीआई के नेतृत्व में 17 सरकारी और निजी बैंकों के कंशोर्शियम का किंगफिशर लिमिटेड पर 7,800 करोड़ रुपये बकाया है. माल्या कंपनी के प्रमुख हैं.एसबीआई को एयरलाइंस से 1,600 करोड़ रुपये वसूलने है. जनवरी, 2012 से एयरलाइंस ने ऋण के लिए कोई भुगतान नहीं किया है. एयरलाइन को ऋण देने वाले बैंकों के गठजोड़ में पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, केनरा बैंक, बैंक आफ इंडिया, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, फेडरल बैंक, यूको बैंक और देना बैंक शामिल हैं.
डीआरटी ने रोकी डियाजियो से मिलने वाली रकम
डीआरटी ने अपने आदेश में डियाजियो पर माल्या को 7.5 करोड़ डॉलर की राशि के भुगतान से रोक दिया है. उसने कहा कि मूल अपील के निपटान तक यह राशि जब्त रहेगी. इसके अलावा डीआरटी ने माल्या और संबंधित कंपनियों को अंतिम करार के ब्योरे का खुलासा करने को भी कहा है. इस आदेश से कुछ घंटे पहले ही माल्या ने कहा था कि वह बैंकों के साथ किंगफिशर एयरलाइंस पर बकाया ऋण के एकबारगी निपटान के लिए बातचीत कर रहे हैं.
एसबीआई की नजरों में माल्या हैं विल्फुल डिफॉल्टर
पिछले साल एसबीआई ने माल्या को जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाला यानी विल्फुल डिफॉल्टर घोषित किया था. पिछले महीने पीएनबी ने भी माल्या को जानबूझकर चूक करने वाले घोषित किया है. डियाजियो को माल्या को 4 करोड़ डॉलर का भुगतान तत्काल करना है. बकाया राशि का भुगतान समान किस्तों में अगले पांच साल में किया जाना है.