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इलेक्ट्रिक कारों पर सरकार की सफाई, पेट्रोल-डीजल वाहन बंद करने का इरादा नहीं

पेट्रोल और डीजल वाहनों के भविष्‍य को लेकर उठ रहे सवालों पर सरकार की सफाई आई है.

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धर्मेंद्र प्रधान (फोटो-IANS)
धर्मेंद्र प्रधान (फोटो-IANS)

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सरकार की निकट भविष्य में पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है. हालांकि सरकार पर्यावरण को बचाने और कच्चे तेल के आयात में कटौती के लिये इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का प्रयास करती रहेगी. केंद्र सरकार में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ये बातें कही हैं.

दरअसल, बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश करते हुए इलेक्‍ट्रिक वाहनों पर जोर देते हुए कई बड़े ऐलान किए. ऐसे में अब इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा सकती है. हाल ही में बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज ने भी सरकार की योजना पर सवाल खड़े किए हैं. राजीव बजाज ने एक इंटरव्‍यू में कहा था कि इलेक्‍ट्रिक वाहन पर सरकार की योजना व्यवहारिक नहीं है. हालात ऐसे बन रहे हैं कि ऑटो मेकर्स को अपनी दुकान बंद करने की नौबत आ सकती है.

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क्‍या कहा धर्मेंद्र प्रधान ने

इन सवालों के बीच धर्मेंद्र प्रधान ने कहा , " क्या कोई सरकारी दस्तावेज है , जिसमें यह लिखा हो कि इस तारीख से पेट्रोल और डीजल वाहन बंद होंगे. भारत ऐसा करने का जोखिम नहीं उठा सकता है."  प्रधान ने कहा कि परिवहन क्षेत्र में पेट्रोलियम पदार्थों की अभी भी सबसे ज्यादा मांग है और इस तरह के वाहनों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के ईंधनों का होना जरूरी है. उन्होंने इसके साथ ही कहा, " हमें सीएनजी , पीएनजी, जैवईंधन और बायोगैस की जरूरत होगी."  बता दें कि भारत में 2018-19 में 21.16 करोड़ टन पेट्रोलियम उत्पादों की खपत हुई थी. इसमें डीजल का हिस्सा 8.35 करोड़ टन और पेट्रोल का 2.83 करोड़ टन था.

सरकार का मानना है कि भारत में ऊर्जा की मांग दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ रही है और कोई भी एक स्त्रोत इस मांग को पूरा नहीं कर सकता है. इसके लिए कई ईंधनों के अलग-अलग विकल्पों की जरूरत होगी. देश में एक अप्रैल 2020 से यूरो- छह मानक के पेट्रोल, डीजल का इस्तेमाल शुरू होगा. इसके साथ ही सरकार वाहनों में खासतौर से सार्वजनिक वाहनों में सीएनजी के इस्तेमाल को बढ़ाने पर जोर दे रही है. नीति आयोग के मुताबिक 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की 100 फीसदी बिक्री से भारत की तेल आयात निर्भरता काफी कम हो जायेगी.

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