भारतीय रेलवे में होने वाली दुर्घटनाओं में 40 फीसदी मानवरहित लेवल क्रासिंग की वजह से होती है. ऐसे में रेलवे के आधुनिकीकरण के तहत हजारों लेवल क्रासिंग को हटना खर्चीला और चुनौती भरा होगा.
एक अनुमान के मुताबिक सभी लेवल क्रासिंग को हटाने के लिए करीब 50 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी 2012-13 का रेल बजट 14 मार्च को पेश करेंगे. अनुमान के मुताबिक रेलवे को यात्रियों और सामानों की सुरक्षा के लिए अगले पांच सालों में एक लाख करोड़ रुपये की दरकार होगी.
रेलवे के आधुनिकीकरण और सुरक्षा पर गठित दो उच्चस्तरीय समितियों ने इस माह सौंपी अपनी रिपोर्ट में सलाह दी है कि रेलवे 64000 किलोमीटर नेटवर्क में से 32,735 लेवल क्रासिंग को खत्म करने की आवश्यकता है.
रेल मंत्रालय के पास मौजूद आंकड़े के मुताबिक 32,735 लेवल क्रासिंग में से 17839 मानवसहित हैं जबकि 14896 मानवरहित हैं.
विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इस समस्या से निपटने की गति पिछले दो सालों में काफी धीमी रही है. 1065 मानवरहित लेवल क्रासिंग को मानवसहित में बदला जा सकता है जबकि 1389 मानवरहित और मानवसहित को ओवरब्रिज अथवा अंडरपास बनाकर समाप्त किया जा सकता है. लेकिन जिस गति से कार्य हो रहा है ऐसा करने के लिए रेलवे को एक दशक और चाहिए.
नवाचार और सार्वजनिक सूचना ढांचागत संरचना पर प्रधानमंत्री के सलाहकार पित्रोदा की अध्यक्षता में रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व प्रमुख अनिल काकोदर की अध्यक्षता में रेलवे की सुरक्षा के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की गई थी.
लेवल क्रासिंग को समाप्त करने में धीमी गति का कारण बताते हुए अधिकारियों ने राज्य सरकारों पर जिम्मेदारी थोपते हुए कहा कि राज्य आधा खर्च नहीं उठा रहे हैं.
पहचान जाहिर न करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि ओवरब्रिज अथवा अंडरपास बनाने के लिए समय पर भूमि अधिग्रहण न होना और झुग्गीवासियों के पुनर्वास की समस्या की वजह से लेवल क्रासिंग हटाने के काम में तेजी नहीं आ पा रही है.
काकोदर समिति ने सभी लेवल क्रासिंग को अगले पांच साल में हटाने के लिए करीब 50 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान जताया है. उन्होंने कहा कि ऐसा किए जाने से रेलगाड़ियों की गति में भी सुधार आएगा.
उल्लेखनीय है कि विशेषज्ञता प्राप्त समिति का गठन पिछले साल सितंबर महीने में किया गया था.
रिपोर्ट में दिए गए सुझावों में शामिल हैं, रेलवे के कुल 64 हजार किलोमीटर मार्ग में से 19 हजार किलोमीटर का आधुनिकीकरण, 11,250 पुलों को मजबूत बनाना और सभी लेवल क्रॉसिंग समाप्त करना.
रिपोर्ट में नई पीढ़ी के रेल इंजन, उच्च गति वाले डिब्बे, सभी यात्री रेलगाड़ियों में पर्यावरण अनुकूल शौचालय तथा 100 बड़े स्टेशनों के आधुनिकीकरण का भी सुझाव है.
समिति ने नकदी संकट से जूझ रहे रेलवे के लिए किराया तय करने वाले एक प्राधिकरण का भी सुझाव दिया है.