कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने पांच करोड़ से अधिक अंशधारकों को अक्तूबर से स्थायी ईपीएफ खाता संख्या मुहैया कराएगा. यह काम कोर बैंकिंग प्रणाली की तर्ज पर चलेगा. स्थायी या सार्वभौमिक खाता संख्या (यूएएन) मिलने पर उपभोक्ताओं को नौकरी बदलने पर भविष्य निधि खाते के तबादले के लिए दावा करने की जरूरत नहीं होगी. यूएएन प्राप्त करने के बाद उपभोक्ताओं को नए संगठन से जुड़ने के बावजूद उसकी भविष्य निधि का पैसा स्थायी खाते में जमा होता रहेगा.
उम्मीद है कि इससे खास कर निर्माण आदि क्षेत्रों के ऐसे श्रमिकों को आसानी होगी जो बहुत अधिक नौकरियां बदलते हैं. यूएएन कर्मचारी की पूरी सेवावधि के लिए वैध होगा भले ही उस दौरान वह कर्मचारी कितने ही नियोक्ता प्रतिष्ठान क्यों न बदले. इस बारे में बात करते हुए ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त केके जालान ने कहा, हमने अपने अंशधारकों के लिए यूएएन कार्यक्रम लागू करने का एक खाका तैयार किया है. हम इस साल 1 अक्तूबर को इसे चालू करेंगे.
ईपीएफओ के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक यूएनएन से ईपीएफओ के काम का बोझ काफी कम करने में मदद मिलेगी क्योंकि उसे नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों के ईपीएफ खाते के स्थानांतरण के लिए सालाना 12 लाख से अधिक दावे मिलते हैं. ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष के फरवरी तक भविष्य निधि वापसी और खाता स्थानांतरण के 1.1 करोड़ से अधिक मामले निपटाए हैं. उसे उम्मीद है कि 2013-14 में 1.2 करोड़ से अधिक ऐसे मामले निपटाए जाएंगे, जिनमें करीब 13 लाख भविष्य निधि खाता स्थानांतरण के दावे होंगे. अधिकारी ने कहा कि नौकरी बदलने पर भविष्य निधि खातों के स्थानांतरण में लगने वाले समय के मद्देनजर बहुत से लोग अपना भविष्य निधि और पेंशन खाता बंद कर देते हैं.