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EPFO ने प्रशासनिक शुल्क घटाकर 0.5% किया, नियोक्ताओं के बचेंगे 900 करोड़

कर्मचारी भव‍िष्य न‍िध‍ि संगठन (ईपीएफओ) ने प्रशासनिक शुल्क में 0.5 फीसदी की कटौती की है. इस कटौती का फायदा पांच लाख से ज्यादा नियोक्ताओं को मिलेगा. इससे वे संयुक्त रूप से सालाना 900 करोड़ रुपये की बचत कर पाएंगे. ईपीएफओ का यह फैसला 1 जून, 2018 से लागू होगा.

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ईपीएफओ
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कर्मचारी भव‍िष्य न‍िध‍ि संगठन (ईपीएफओ) ने प्रशासनिक शुल्क में कटौती करते हुए इसे 0.5 फीसदी कर दिया है. इस कटौती का फायदा पांच लाख से ज्यादा नियोक्ताओं को मिलेगा. इससे वे संयुक्त रूप से सालाना 900 करोड़ रुपये की बचत कर पाएंगे. ईपीएफओ का यह फैसला 1 जून, 2018 से लागू होगा.

ईपीएफओ के ट्रस्टीज की बैठक में यह फैसला लिया गया था. इसमें प्रशासनिक शुल्क को 0.65 फीसदी से घटाकर 0.50 फीसदी करने का फैसला लिया गया. ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त वी पी जॉय ने कहा, ''लेबर मिनिस्ट्री ने प्रशासनिक शुल्क कम करने के निर्णय को अधिसूचित किया है. यह 1 जून, 2018 से लागू होगा.''

इससे नियोक्ता अपने कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में लाकर औपचारिक वेतन रजिस्टर में उनका नाम शामिल करने के लिए प्रोत्साहित होंगे.’ ईपीएफओ ने ऐसे शुल्क की वसूली में वृद्धि के लिए यह कदम उठाया है.

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पिछले वित्त वर्ष के दौरान ईपीएफओ ने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को चलाने के लिए प्रशासनिक शुल्क के रूप में नियोक्ताओं से 3,800 करोड़ रुपये की वसूली की थी.

ईपीएफओ के प्रशासनिक शुल्क खाते में 20,000 करोड़ रुपये का अधिशेष जमा है. इस पर ब्याज के रूप में सालाना 1,600 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त होता है.

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