कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) वर्ष 2015-16 के लिए पीएफ पर ब्याज दर 8.75 फीसदी से घटाकर 8.70 फीसदी कर सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वित्त मंत्रालय की ओर से इसकी अधिसूचना श्रम मंत्रालय को भेज दी गई है.
छोटी बजट स्कीमों की ब्याज दरों में कटौती के बाद सरकार अब पीएफ पर मिलने वाले ब्याज दरों में कटौती करने की तैयारी कर रही है. श्रम मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो पिछले 50 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब कर्मचारियों को पीएफ पर मिलने वाला ब्याज, जो कि मिलना चाहिए, उससे कम मिलेगा. वह भी उस मंत्रालय की दखलअंदाजी से, जिसका इस ट्रस्ट के पैसों से कोई सरोकार नहीं है. श्रम मंत्रालय की ओर से पीएफ पर 8.80 फीसदी ब्याज दर दिए जाने की सिफारिश की गई थी, जिसे वित्त मंत्रालय ने स्वीकार नहीं किया.
कर्मचारियों को नहीं मिलेगा लाभ
वित्त मंत्रालय ने वर्ष 2015-16 के लिए पीएफ पर प्रस्तावित ब्याज दर 8.80 फीसदी को घटाकर 8.70 फीसदी करने को कहा है जिसकी अधिसूचना श्रम मंत्रालय को भेज दी गई है. अगर यह अधिसूचना जारी हो जाती है तो यह पिछले साल मिलने वाले ब्याज दर 8.75 फीसदी ब्याज दर की तुलना में 0.05 फीसदी कम होगी. श्रम मंत्रालय के इस निर्णय से कर्मचारियों को वर्ष 2015-16 के लिए जो फायदा मिल सकता था, वह अब नहीं मिलेगा. इससे इस वर्ष 1062 करोड़ रुपये से अधिक ईपीएफओ के खाते में सरप्लस बचेंगे. यह पैसा उन कर्मचारियों का है जिनकी तनख्वाह से हर महीने पीएफ का पैसा कटता है. इस पैसे पर ईपीएफओ पैसा कमाती है और मुनाफा कर्मचारियों के बीच बांटती है.
ईपीएफओ ने की थी 8.80 फीसदी ब्याज दर की सिफारिश
इससे पहले श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने 16 फरवरी को चेन्नई में ईपीएफ के केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड (सीबीटी) की 211वीं बैठक के बाद कहा था कि हम कामगारों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध हैं इसीलिए इस बार हमने कर्मचारियों को 8.80 फीसदी ब्याज देने का निर्णय लिया है. हालांकि ईपीएफओ 8.95 फीसदी ब्याज देने की स्थिति में था और इसके बाद भी ईपीएफओ के खाते में 91 करोड़ रुपये सरप्लस बच जाते. लेकिन ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में 8.80 फीसदी ब्याज देने का निर्णय लिया गया था जिसका विरोध उस समय ट्रस्टी के सदस्यों ने भी किया था. ट्रस्टी बोर्ड के सदस्यों ने ईपीएफ को हुई आमदनी के अनुसार 8.95 फीसदी ब्याज दिए जाने की मांग की थी लेकिन बोर्ड में इस पर सहमति नहीं बन सकी.
इससे किसे होगा फायदा?
श्रम मंत्रालय की ओर से अगर 8.70 फीसदी ब्याज दर की घोषणा की जाती है तो इसका फायदा उन बड़े घरानों के पीएफ ट्रस्टों को भी होगा जो वो खुद संचालित करते हैं. अगर ईपीएफओ पीएफ पर 8.70 फीसदी ब्याज देकर 1062 करोड़ रुपये अपने खाते में सरप्लस रखता है तो निजी संगठनों के पीएफ ट्रस्टों को भी इसी प्रकार का फायदा होगा.
2.5 करोड़ लोगों को बोनस दे सकती है
हालांकि कुछ दिन पहले यह खबर आई थी कि ईपीएफओ साल 2015-16 के लिए ब्याज दर बढ़ाने की जगह अपने उपभोक्ताओं को 750 करोड़ रुपये का बोनस देने पर भी विचार कर रहा है. बोनस की व्यवस्था उन्हीं सब्सक्राइबर्स के लिए होगी, जिन्होंने लगातार 12 महीनों तक योगदान दिया है. ईपीएफओ के इंटरनल एस्टिमेट के मुताबिक अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जाती है तो इसके 5 करोड़ सब्सक्राइबर्स में से लगभग 2.5 करोड़ लोगों को इस साल बोनस मिल सकता है. वैसे इस प्रकार की किसी योजना पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने कई छोटी बचतों पर ब्याज दर घटा दी थी. फिक्स डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज दरों में कटौती की गई थी. सरकार के इस फैसले का शिकार सबसे अधिक मिडिल क्लास के लोग ही हुए.