कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) कर्मचारियों की सैलरी लिमिट में इजाफा करने की तैयारी कर ली है. EPFO सोशल सिक्योरिटी स्कीम के तहत खाताधारकों के लिए सैलरी लिमिट को को इस महीने बढ़ाकर 25,000 रुपए कर सकती है.
मौजूदा समय में EPFO खाते के लिए सैलरी लिमिट 15,000 रुपये महीना है. यह लिमिट सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से वेतन में हुए इजाफे के बाद बढ़ाई जा रही है. ऐसा इसलिए भी करना जरूरी हो गया था कि EPFO को सरकारी नौकरियों में सैलरी इजाफे के बाद निजी क्षेत्र केकई सेक्टर्स में भी सैलरी में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है.
गौरतलब है कि इस फैसले से EPFO के खाताधारकों में 1 करोड़ और लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. फिलहाल EPFO के तहत देशभर में 8.5 करोड़ कर्मचारी सरकार की सरकारी योजनाओं का लाम उठा रहे हैं.
EPFO के मुताबिक सैलरी लिमिट में इजाफे से नए खाताधारक जुड़ने के बाद केन्द्र सरकार पर लगभग 2,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा.
सैलरी लिमिट में इजाफे के बाद 25,000 रुपया प्रति माह कमाने वाले कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी से 12 फीसदी हिस्से का योगदान कर्मचारी पेंशन स्कीम ने करना अनिवार्य हो जाएगा. हालांकि कर्मचारी इससे अधिक योगदान करने के लिए भी स्वतंत्र रहेंगे.
क्या है ईपीएफ- 5 जरूरी बातें
1. यह केन्द्र सरकार की नौकरी-पेशा लोगों के लिए सोशल सिक्योरिटी स्कीम है.
2. आपकी सैलरी 15,000 रुपये प्रति माह है तो इस स्कीम में शामिल होना आपके लिए अनिवार्य है.
3. आप यदि नौकरी करते हैं तो आपकी कंपनी आपकी सैलरी से एक हिस्सा काटकर आपके ईपीएप खाते में डाल देती है.
4. इस पैसे को केन्द्र सरकार के इस फंड में डाल दिया जाता है और जरूरत के वक्त ब्याज सहित इस पैसे का आप इस्तेमाल कर सकते हैं.
5. आपकी कंपनी आपको ईपीएफ अकाउंट नंबर देती है. यह अकाउंट नंबर भी आपके लिए बैंक अकाउंट की तरह है क्योंकि इसमें आपके भविष्य के लिए आपका पैसा पड़ा है.