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प्रॉविडेंट फंड पर 9 फीसदी ब्याज नहीं मिलेगा

जो कर्मचारी यह उम्मीद लगाए बैठे थे कि पीएफ पर सालाना ब्याज को बढ़ाकर 9 फीसदी कर दिया जाएगा, उन्हें यह सुनकर धक्का लगेगा कि ऐसा नहीं होने जा रहा है. कर्मचारियों के ट्रेड यूनियनों ने इस आशय की मांग की थी. उनका कहना था कि ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) के पास इतना सरप्लस है कि वह 9 फीसदी ब्याज दे सकता है.

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन

जो कर्मचारी यह उम्मीद लगाए बैठे थे कि पीएफ पर सालाना ब्याज को बढ़ाकर 9 फीसदी कर दिया जाएगा, उन्हें यह सुनकर धक्का लगेगा कि ऐसा नहीं होने जा रहा है. कर्मचारियों के ट्रेड यूनियनों ने इस आशय की मांग की थी. उनका कहना था कि ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) के पास इतना सरप्लस है कि वह 9 फीसदी ब्याज दे सकता है.

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लेकिन अब पता चला है कि ईपीएफओ ने 8.5 फीसदी ब्याज देने का मन बनाया है. 13 जनवरी को होने वाली ट्रस्टियों की बैठक में 8.5 फीसदी ब्याज का ही प्रस्ताव लाया जाएगा. इसके बाद संगठन के पास महज लगभग 57 करोड़ रुपये की रकम बच जाएगी.

अगर आधा प्रतिशत ब्याज बढ़ा दिया जाए जैसा कि ट्रेड यूनियन चाह रहे हैं तो खर्च अतिरिक्त 1,220 करोड़ रुपये का होगा. जिसका भुगतान करने के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं. संगठन कर्मचारियों की भविष्य निधि से प्राप्त धन से ही ब्याज देता है.

देश भर में पांच करोड़ कर्मचारी पीएफ में योगदान करते हैं. 8.5 फीसदी ब्याज देने पर उसे 20,740 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

 

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