कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) का करीब 6,000 करोड़ रुपये का निवेश मार्च, 2016 तक शेयरों में लगाया जाएगा. केंद्रीय श्रम राज्यमंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार को बताया कि ऊंचा रिटर्न पाने के उद्देश्य से शेयरों में निवेश करने का यह फैसला लिया गया है.
दत्तात्रेय ने बताया कि मार्च 2016 तक शेयरों में 6,000 करोड़ रुपये के साथ निवेश का इरादा है. इसकी प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है. इनके पोर्टफोलियो प्रबंधक एसबीआई, रिलायंस तथा एचएसबीसी बैंक तथा कुछ अन्य संगठन हैं. इनके जरिये ही हम धन को बाजार में लगाएंगे. श्रम मंत्रालय द्वारा पहली बार ऐसा किया जा रहा है.
ईपीएफ के 1 से 15 प्रतिशत तक का होगा निवेश
जानकारी के मुताबिक निवेश की शुरुआत एक प्रतिशत ईपीएफ के धन के साथ होगी जो बाद में बढ़कर 15 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी. श्रम मंत्री ने बताया कि करीब 8,30,000 करोड़ रुपये का ईपीएफ संबंधी धन सरकार के पास है. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था कि पोर्टफोलियो प्रबंधन पुराने तरीके से नहीं किया जाएगा साथ ही उन्होंने शेयरों में 5 से 15 प्रतिशत तक निवेश का समर्थन किया था.
श्रम मंत्री ने इस बारे में एक रिपोर्ट में बताया ही कि हमने इस पर केंद्रीय न्यासी बोर्ड के सामने प्रस्तुतीकरण दिया है. हमने सभी ट्रेड यूनियन नेताओं, उद्यमियों, राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों और अपने मंत्रालय के अधिकारियों को इस बारे में प्रस्तुतीकरण दिया है. दत्तात्रेय ने बताया कि हमने पहले चरण में शेयरों में 6,000 करोड़ रुपये के निवेश के लिए अपने अधिकारियों से विचार विमर्श किया है. शुरुआत एक प्रतिशत से की जाएगी, फिर उसे दो, तीन, चार और पांच प्रतिशत किया जाएगा.
दीर्घावधि के निवेश से होगा मुनाफा
यह पूछे जाने पर कि उनका मंत्रालय किस तरीके से शेयर बाजार में ईपीएफ के निवेश पर नुकसान से बचाने का प्रयास करेगा, दत्तात्रेय ने कहा कि ये दीर्घावधि के निवेश है. ये एक या दो साल का निवेश नहीं है बल्कि 10 से 15 साल का निवेश है. हालांकि, लघु अवधि में इसमें नुकसान हो सकता है, लेकिन दीर्घावधि में यह मुनाफा देगा. उन्होंने कहा कि हम 8.75 प्रतिशत का ब्याज दे रहे हैं. इक्विटी में निवेश दस प्रतिशत से अधिक रिटर्न देगा.
इनपुट: भाषा