देश के वित्त मंत्री ने इस बार बजट में करदाताओं को ज्यादा छूट नहीं दी. फिर भी उन्होंने कहा कि 4.44 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का प्रवधान है. लेकिन एक अंग्रेजी अखबार का कहना है कि अगर तमाम तरह की छूट, अपवादों और रीइंबर्समेंट को जोड़ा जाए तो 10 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई करने वाले भी टैक्स के जाल से बच सकते हैं. अखबार ने इसके लिए उपलब्ध टैक्स छूट वगैरह का हवाला दिया है जो भारत में कर्मचारियों को उपलब्ध हैं. इनका उपयोग सभी कर्मचारी करते हैं. जरा इन पर एक नजर डालें.
बेसिक छूट-2,50,000 रुपये
सेक्शन80 सी-1,50,000 रुपये
सेक्शन 80 सीसीडी(2) 50,000 रुपये
एनपीएस में नियोक्ता द्वारा योगदान-1,00,000 लाख रुपये
एचआरए में छूट-2,00,000 रुपये
टैक्स फ्री मेडिकल भत्ता-15,000 रुपये
टैक्स फ्री ट्रांसपोर्ट भत्ता-19,200 रुपये
मेडिकल बीमा-25,000 रुपये
माता-पिता का मेडिकल बीमा-30,000 रुपये
एलटीए-25,000 रुपये
ट्रैवेल और ईंधन रीइंबर्समेंट-1,00,000 रुपये
फोन वगैरह-24,000 रुपये
अखबार, पत्रिकाएं वगैरह-14,000 रुपये
खाने के कूपन-12,000 रुपये
यह राशि कुल मिलाकर 10,09,700 रुपये होती है. यानी इतने पर टैक्स नहीं लग सकता है बशर्ते आपके नियोक्ता इस हिसाब से सैलरी दें.