आने वाले दिनों में पेट्रोल पंप खोलने के नियमों में बदलाव हो सकता है. दरअसल, एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति ने ईंधन की खुदरा बिक्री सभी कंपनियों के लिये खोलने का सुझाव दिया है. समिति ने कहा है कि पेट्रोल पंप खोलने के लिए कंपनी के 2,000 करोड़ रुपये के निवेश नियम को समाप्त किया जाना चाहिए.
हालांकि, समिति चाहती है कि कंपनियों के लिए अन्य जगहों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी अनिवार्य रूप से पेट्रोल पंप खोलने की शर्त रखी जानी चाहिए. अभी पेट्रोल पंप खोलने की अनुमति उसी कंपनी को मिलती है जिसका हाइड्रोकार्बन खोज और उत्पादन, रिफाइनरी, पाइपलाइन या लिक्विडिटी नेचुरल गैस (एलएनजी) टर्मिनल क्षेत्र में कम से कम 2,000 करोड़ रुपये निवेश होता है.
क्या कहा गया रिपोर्ट में
समिति की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘जो कंपनियां तेल एवं गैस क्षेत्र में काम कर रही हैं और जिन्होंने इस क्षेत्र में बड़ा निवेश किया है, उनके लिए ईंधन के परिवहन को लेकर विपणन अधिकार मिलना कोई प्रोत्साहन नहीं है. इसीलिए केवल तेल और गैस कंपनियों के लिए विपणन मंजूरी को लेकर निवेश मानदंड रखे जाने से वे कंपनियां वंचित होंगी जो तेल एवं गैस क्षेत्र में इतना बड़ा निवेश करने की स्थिति में नहीं हैं. लेकिन वे बाजार को अधिक ग्राहक उन्मुख बनाने के लिए कुछ अलग पेशकश कर सकती हैं. ’’
क्या है समिति की सिफारिश
समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि निवेश मानदंड को समाप्त कर उसकी जगह ऐसा नियम लाना चाहिए जिससे प्रदर्शन की क्षमता रखने वाले सही आवेदनकर्ताओं को चुना जा सके. रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘इसकी जगह बैंक गारंटी के साथ जुर्माना अनुबंध रखा जा सकता है. जो भी कंपनी सौंपी गयी योजना के तहत काम करने में विफल रहती हैं, उनकी बैंक गारंटी भुनाई जा सकती है. ’’
खुदरा लाइसेंस में यह शर्त होनी चाहिए कि कंपनी कामकाज के 7वें साल तक कुल लगाए गए पेट्रोल पंपों का 5 फीसदी दूरदराज के क्षेत्रों में लगाए. समिति ने साथ ही यह भी कहा कि 250 करोड़ रुपये के नेटवर्थ वाली कंपनी को देश में पेट्रोल पंप लगाने के साथ थोक में बिक्री की अनुमति मिलनी चाहिए. रिपोर्ट के मुताबिक अगर कंपनी 5 फीसदी पेट्रोल पंप चिन्हित दूरदराज के क्षेत्रों में लगा पाने में विफल रहती है, उस पर प्रति पंप 3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. हालांकि, कंपनियां लाइसेंस लेने के समय प्रति दूरदराज क्षेत्र 2 करोड़ रुपये जमा कर इससे छूट प्राप्त कर सकती हैं.
अभी क्या है स्थिति
बता दें कि वर्तमान में देश में 64 हजार 624 पेट्रोल पंपों में से ज्यादातर पब्लिक सेक्टर की तेल कंपनियां- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के हैं. इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज, न्यारा एनर्जी (पूर्व में एस्सार आयल) और रॉयल डच जैसी निजी कंपनियां भी बाजार में हैं लेकिन उनकी उपस्थिति कम है. दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनिंग परिसर का परिचालन करने वाली रिलायंस के पेट्रोल पंपों की संख्या 1,400 है.