अंतरराष्ट्रीय टेटर फाइनेंस वॉचडॉग संगठन फाइनेनशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को तीन महीने के अंदर जमात-उद-दवा, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैय्यबा जैसे आतंकी संगठनों के फाइनेंस के रास्तों को बंद करने का अल्टीमेटम जारी किया है. ऐसा न करने पर पाकिस्तान को उन देशों की लिस्ट में शुमार कर लिया जाएगा जो वैश्विक मापदंड पर आंतकवाद के फाइनेंस और मनीलॉन्डरिंग को रोकने में विफल हैं.
एफएटीएफ उन देशों के खिलाफ पब्लिक स्टेटमेंट जारी करता है जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मानदंडों पर खरे नहीं उतरते हैं. पिछले हफ्ते पेरिस में हुई प्लेनरी में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 90 दिन का नोटिस जारी किया था.
गौरतलब है कि जनवरी के आखिरी हफ्ते में पाकिस्तान सरकार ने जमात-उद-दवा और जैश-ए-मोहम्मद के फ्रंट फलह-ए-इंसानियत के खिलाफ कारवाई एफएटीएफ को संतुष्ट करने के लिए ही की थी. इसकी के चलते पाकिस्तान सरकार ने जैश के फाउंडर और अंतरराष्ट्रीय आतंकी हाफिज मोहम्मद सईद पर ट्रैवल बैन लगाने के साथ-साथ 31 जनवरी तक घर में नजरबंद करने का कदम उठाया था.
हालांकि पाकिस्तान सरकार ने पेरिस में एफएटीएफ प्लेनरी के दौरान डिप्लोमैटिक स्तर पर विरोध दर्ज कराने की कोशिश की थी. लेकिन कई यूरोपीय देशों से इन संगठनों द्वारा उनके देश से फंड एकत्र करने के साक्ष्य सामने आने के बाद एफएटीएफ के फैसले को रोकने में वह विफल रहा.
एफएटीएफ की पाकिस्तान के खिलाफ कारवाई में खास बात यह रही कि म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस के दौरान हाफिज सईद पर बयान देते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने कहा, "पिछले 4-5 महीनों के दौरान पाकिस्तान ने ऐसे बहुत से लोगों की मूवमेंट पर पाबंदी लगाई है जिनसे खतरा था कि वह आंतकवाद को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा सकते हैं."