रिजर्व बैक (आरबीआई) के गवर्नर डी सुब्बाराव ने महंगाई में कमी लाने को अपनी प्राथमिकता बताते हुए बुधवार को कहा कि पिछले दो वर्षों में इसमें कुछ कमी आई है लेकिन महंगाई दर अब भी ऊंची बनी हुई है.
सुब्बाराव ने बाराबंकी जिले के लालपुर करौता गांव में ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधा के इस्तेमाल के प्रति जागरुक करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘मैं जानता हूं कि पिछले कुछ वर्षों में महंगाई काफी बढी है. महंगाई ने सभी को प्रभावित किया है, खासतौर पर गरीब लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.’
उन्होंने कहा, ‘पिछले दो वर्षों से हम महंगाई दर को कुछ कम करने में सफल हुए है, लेकिन मैं स्वीकार करता हूं कि महंगाई दर अब भी ऊंची बनी हुई है. महंगाई को कम करना हमारी प्राथमिकता है और हमेशा रहेगी.’ दिसंबर 2012 में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति 7.18 प्रतिशत रही है जो कि सितंबर 2012 में 7.8 प्रतिशत पर थी.
दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रो में बैंकिंग सेवाओं पर जोर देते हुए सुब्बाराव ने कहा कि वित्तीय समावेशन रिजर्व बैंक का सबसे महत्वपूर्ण विकास कार्यक्रम है. हमारे देश में लगभग छह लाख बस्तियां है लेकिन उनमें 90 प्रतिशत बस्तियां बैंकिंग सेवाओं से वंचित है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. आरबीआई का लक्ष्य है देश के हर परिवार के पास कम से कम एक बैक खाता होना चाहिये. छह लाख में से एक लाख बस्तियां उत्तर प्रदेश में हैं. ऐसे में सभी बैंको से अनुरोध है कि वह इस कठिन लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा करें.
सुब्बाराव ने जाली नोटो को बडी समस्या करार देते हुए इसे रोकने के लिए पुलिस के साथ साथ आम जनता का भी सहयोग मांगा. उन्होंने लोगों को आरबीआई के नाम से कथित तौर पर चिट्ठी लिखकर लाटरी निकलने के बारे में सूचित किये जाने के प्रति सचेत करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक कोई लाटरी नहीं चलाता और ना ही वह किसी के खाते में धन जमा करता है.
बाद में, संवाददाताओं से बातचीत में गवर्नर ने उत्तर प्रदेश में रिण जमा अनुपात कम रहने पर निराशा जताते हुए कहा, ‘उत्तर प्रदेश में महज 46-47 प्रतिशत ऋण जमा अनुपात है, जो बेहद निराशाजनक है. इसमें सुधार के लिए आरबीआई ने प्रदेश के सबसे कम औसत वाले दस जिलों को चुना है, इनमें ऋण जमा अनुपात को तीन प्रतिशत तक बढ़ाया जायेगा.’
कमजोर तबकों को अक्सर कर्ज नहीं मिलने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सुब्बाराव ने उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक बहुल 140 विकास खण्डों में भी ऋण जमा अनुपात के जरिये कर्ज प्रवाह बढ़ाने की जरूरत बताई. उन्होंने उत्तर प्रदेश में 200 से ज्यादा लोहिया गांवो में भी बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराये जाने को कहा. सुब्बाराव ने कहा कि मार्च 2014 तक वाणिज्यिक बैंक उत्तर प्रदेश में तीन हजार शाखाएं खोलेंगे और इस बारे में उनकी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बातचीत भी हुई है.