वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश की अर्थव्यवस्था पर मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि देश का ढांचा मजबूत है. हम चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं. अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर पीएम के साथ कई बैठकें हुईं. सरकार अर्थव्यवस्था की सभी तरह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम है और इसके लिए तैयार है.
महंगाई में कमी आईजेटली ने कहा- जहां तेजी से जरूरत होगी, वहां तेजी से काम होगा. तीन साल में महंगाई में कमी आई है. तीन साल में देश का विकास तेजी से हुआ.
7.5 फीसदी रही है जीडीपी विकास दर
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पिछले तीन साल के दौरान जीडीपी की औसत दर 7.5 फीसदी रही.उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत में विश्वास बढ़ा है. अर्थव्यवस्था का बुनियादी ढांचा काफी मजबूत है.
LIVE: Real GDP growth average is 7.5% in last 3 years: @SecretaryDEA https://t.co/0H5cVtSPcW pic.twitter.com/d22zM9mj66
— PIB India (@PIB_India) October 24, 2017
मोदी सरकार ने रखा तीन साल का रिपोर्ट कार्ड
- विदेशी पूंजी निवेश बढ़ कर 400 बिलियन डॉलर हुआ.
- जीएसटी सबसे बड़ा सुधार. इसके अलावा नोटबंदी, काले धन पर नकेल भी कसने में रहे कामयाब.
- जीएसटी से भ्रष्टाचार में कमी आई है.
मौजूदा चालू खाता घाटा नियंत्रण में
इस दौरान बताया गया कि भारत का चालू खाता घाटा नियंत्रण में है. यह फिलहाल सेफ जोन में है और 2 फीसदी से नीचे है.
बढ़ेगा दूसरे देशों के साथ व्यापार
भारत का अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ेगा. इसमें बेहतर ढांचागत विकास मदर करेगा. सरकार बॉर्डर के करीब भी बुनियादी विकास को रफ्तार देने में जुटी हुई है.
34,800 किलोमीटर की सड़कें बनाई जाएंगीदेश में 34,800 किलोमीटर सड़कें बिछाई जाएंगी. इसे भारत माला नाम दिया गया है. जेटल का दावा है कि इस प्रोजेक्ट के जरिये भारत में कनेक्टिविटी बढ़ेगी. अगले 5 वर्षों में 6.92 लाख करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे.
पीएसबी बैंकों को मजबूत करने पर फोकस
वित्त सचिव ने इस दौरान एक प्रजेंटेशन भी दिया. इसमें उन्होंने अर्थव्यवस्था की मौजूदा परेशानियों और उनके खिलाफ सरकार की तरफ से लिए गए एक्शन की जानकारी भी दी. सचिव ने प्रजेंटेशन के जरिये बताया कि सरकार का फोकस बैंकों को मजबूत करने पर है.
रोजगार पैदा करना है लक्ष्य
सरकार का फोकस इन्हें मजबूत करने के साथ ही इनका विकास करना है और इनके जरिये रोजगार पैदा करना है. प्रजेंटेशन के मुताबिक अभी पब्लिक सेक्टर बैंक्स बढ़े हुए एनपीए और कर्ज के तले डूबे हुए हैं.
पीएसबी की हालत सुधारने को उठा रहे कदम
केंद्र सरकार पीएसबी को इस जाल से बाहर निकालने के लिए कई कदम उठा रही है. प्रजेंटेशन के मुताबिक सरकार ने इस स्थिति को सुधारने के लिए एक्शन लेना शुरू कर दिया है. पीएसबी के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है. पब्लिक सेक्टर बैंकों की हालत सुधारने के लिए कैबिनेट 2 लाख 11 हजार करोड़ रुपये के पीएसबी कैपिटलाइजेशन प्लान को मंजूरी दी है.
एमएसएई को मिलेगा सीधा फायदा
एमएसएई को सीधा फायदा दिलाने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे.
- बड़ी पीएसयू के लिए 90 दिनों के भीतर TReDS रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य कर दिया जाएगा.
- उद्यमीमित्र डॉट इन को नए अवतार में पेश किया जाएगा.
-केंद्र सरकार के जीईएम पोर्टल पर एमएसएमई की रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को तेज किया जाएगा. इसके लिए खास ड्राइव चलाई जाएगी.
- जीईएम के जैसे ही अन्य ईकॉमर्स प्लैटफॉर्म पर एमएसएमई की पहुंच बढ़ाने के लिए भी सरकार लगातार प्रयास करती रहेगी.
नोटबंदी से सुधरी है पीएसबी बैंकों की हालत : जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद पब्लिक सेक्टर बैंक मजबूत हुए हैं. उनकी कर्ज देने की क्षमता काफी मजबूत हुई है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक खर्च के मामले में आगे बढ़ना पड़ेगा. यह ढांचागत विकास पर हो रहे खर्च को बढ़ाने में मदद करेगा. जेटली ने कहा कि यह फैसला लिया गया कि बैंकों जरूरी पूंजी मुहैया कराने के लिए बड़े कदम उठाने होंगे. इसी दिशा में अब सरकार काम करेगी.