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GST काउंसिल बैठक: मोबाइल फोन खरीदना हुआ महंगा, इन प्रोडक्‍ट्स पर राहत

GST काउंसिल की 39वीं बैठक में मोबाइल पर टैक्‍स रेट बढ़ाने का फैसला लिया गया है. इस फैसले के बाद अब मोबाइल फोन जीएसटी के 18 फीसदी स्‍लैब में आ जाएगा.

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ये GST काउंसिल की 39वीं बैठक थी
ये GST काउंसिल की 39वीं बैठक थी

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  • 18 फीसदी के टैक्‍स स्‍लैब में मोबाइल फोन
  • इससे पहले 12 फीसदी लगता था जीएसटी

आने वाले वक्‍त में मोबाइल फोन खरीदना महंगा हो जाएगा. दरअसल, GST काउंसिल की 39वीं बैठक में मोबाइल फोन को 18 फीसदी के टैक्‍स स्‍लैब में शामिल किया गया है. इससे पहले ये प्रोडक्‍ट 12 फीसदी के स्‍लैब में था. इस लिहाज से मोबाइल फोन पर टैक्‍स में 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

जाहिर सी बात है कि मोबाइल फोन खरीदना पहले के मुकाबले अब महंगा हो जाएगा. ये आम लोगों के लिए किसी झटके से कम नहीं है. कोरोना वायरस की वजह से पहले ही इसकी कीमत में तेजी आने की आशंका है. बता दें कि चीन से सप्लाई प्रभावित होने के कारण ज्यादार ब्रांड के मोबाइल फोन महंगे हो रहे हैं.

माचिस पर लगेगा 12 फीसदी जीएसटी

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GST काउंसिल बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अब माचिस पर 12 फीसदी का जीएसटी लगेगा. पहले हाथ से बनाए गए माचिस पर 5 फीसदी और मशीन से बनाए गए माचिस पर 18 फीसदी का टैक्स लगता था. इसके अलावा जीएसटी नेटवर्क को और अधिक बेहतर बनाया जाएगा. इसके लिए आईटी कंपनी इन्‍फोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणी ने प्रजेंटेशन भी दिया है.

MRO सर्विस पर मिली राहत

इसके साथ ही एयरक्राफ्ट के मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल (MRO) सर्विस पर जीएसटी की दर में कटौती की गई है. पहले ये 18 फीसदी के स्‍लैब में आता था, जो अब घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. जीएसटी काउंसिल ने ये फैसला भारत में MRO सर्विस को बढ़ावा देने के मकसद से लिया है.

निर्मला सीतारमण ने कारोबारियों को राहत देते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की डेडलाइन को 30 जून 2020 तक बढ़ाया जाएगा. वहीं 2 करोड़ रुपये से कम कुल कारोबार वाले टैक्‍सपेयर्स को 2017-18 और 2018-19 के वार्षिक रिटर्न के लिए लेट फीस नहीं देनी होगी. ये नियम विवरण के समाधान दाखिल करने में देरी होने पर भी लागू होगा.

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