वित्त मंत्रालय ने आयकर रिटर्न (आईटीआर) के लिए तीन पन्ने का नया फॉर्म रविवार को अधिसूचित किया और इसमें विदेशी यात्राओं और निष्क्रिय बैंक खातों की जानकारी देने की अनिवार्यता के विवादास्पद प्रावधान को हटा दिया गया है.
मंत्रालय ने इसके साथ ही आयकर विवरण देने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है.
वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि आईटीआर-2 और आईटीआर-2ए केवल तीन पन्ने का होगा, जबकि अन्य ब्यौरा अनुसूचियों के तहत देने होंगे.
नया आईटीआर-2ए फॉर्म ऐसे व्यक्ति या अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ) के लिए है जिसको कोई पूंजीगत लाभ, कारोबार या पेशेवर आय नहीं होती है और जिसके पास कोई विदेशी आय या सम्पत्ति नहीं है.
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 31 अगस्त 2015 कर दी गई है. वेतनभोगी कर्मचारियों या जिनकी कोई पेशेवर कारोबारी आय नहीं है, उन्हें आईटीआर1 या आईटी2 में रिटर्न हर साल 31 जुलाई तक भरना होता है.
विदेश यात्राओं का ब्यौरा देने संबंधी विवादास्पद प्रावधान के बारे में बयान में कहा गया है कि करदाता को केवल अपना पासपोर्ट नंबर देना होगा.
इसके मुताबिक, 'विदेश यात्राओं के ब्यौरे के संबंध में, अब प्रस्ताव किया गया है कि फॉर्म आईटीआर-2 और आईटीआर-2ए में केवल पासपोर्ट नंबर (अगर हो) देना होगा. विदेश यात्राओं और खर्च का ब्यौरा देने की जरूरत नहीं होगी.'
इसके साथ ही मंत्रालय ने उन निष्क्रिय बैंक खातों का ब्यौरा देने की अनिवार्यता समाप्त कर दी है, जिनमें बीते तीन साल से कोई लेन देन नहीं हुआ है. यानी करदाता को आलोच्य वित्त वर्ष में अपने सक्रिय बचत बैंक खाते की संख्या और आईएफएस कोड देना होगा. इन खातों में राशि की जानकारी नहीं देनी होगी.