फाइनेंशियल ईयर 2018-19 के समाप्त होने में अब चंद दिन बचे हैं. इस फाइनेंशियल ईयर में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन लक्ष्य से कम हुआ है. इसको लेकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने चिंता जाहिर की है. इसके साथ ही सीबीडीटी ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को टैक्स चोरों से निपटने के लिए हर संभव कार्रवाई करने को कहा है.
दरअसल , डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन निर्धारित लक्ष्य से 15 फीसदी कम है और वित्त वर्ष खत्म होने में अब सिर्फ दो दिन बचे हैं. सीबीडीटी की सदस्य (राजस्व) नीना कुमार ने विभाग के सभी क्षेत्रीय प्रमुखों को लिखे पत्र में कहा कि टैक्स कलेक्शन आंकड़ों की समीक्षा की गई है. इसमें देखा गया है कि बजट में टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य 12 लाख करोड़ रुपये रखा गया था लेकिन 23 मार्च तक 10,21,251 करोड़ रुपये ही एकत्र किए गए हैं. यह बजट लक्ष्य का 85.1 फीसदी है.
देशभर में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के टैक्स कलेक्शन पर नजर रखने वाले अधिकारी ने उन क्षेत्रों को रेखांकित किया जहां व्यक्तिगत , कॉरपोरेट और एडवांस टैक्स श्रेणियों से मिलने वाले डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में गिरावट आई है.
नीना कुमार ने पत्र में कहा , " श्रेणीवार विश्लेषण में नियमित टैक्स कलेक्शन में कमी का रुख दिख रहा है. यह एक चिंताजनक स्थिति है , जिसकी तरफ तुरंत ध्यान देने की जरूरत है." अधिकारी ने इस स्थिति पर निराशा जतायी और टैक्स अधिकारियों से कमर कस लेने और डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के लक्ष्य को हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ने को कहा है.
नीना कुमार ने पत्र में कहा कि नियमित टैक्स आकलन प्रदर्शन का पैमाना (बेंचमार्क) है और यह टैक्स मांग की गुणवत्ता पर आधारित होता है. इसे आगे वास्तविक संग्रह में तब्दील किया जा सकता है. बोर्ड ने आयकर अधिकारियों के साथ इस बारे में रणनीति पर चर्चा की थी और उम्मीद थी कि कलेक्शन में सुधार होगा. लेकिन आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं. उन्होंने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से तत्काल हरसंभव कदम उठाने को कहा है ताकि मौजूदा और बकाया टैक्स की वसूली हो सके और लक्ष्य हासिल किया जा सके. सीबीडीटी , आयकर विभाग के लिए नीतियां तैयार करती है और उसको नियंत्रित करने वाली इकाई भी है.