राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2012-13 के पहले सात महीने में बजटीय अनुमान का 71.6 प्रतिशत रहा. यह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 74.4 प्रतिशत के मुकाबले थोड़ा बेहतर है.
राजकोषीय घाटे की स्थिति में हल्का सुधार मुख्य रूप से व्यय मार्चे पर की कटौती का नतीजा है. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्तूबर अवधि के दौरान राजकोषीय घाटा (व्यय एवं राजस्व वसूली में अंतर) निरपेक्ष रूप से 3.67 लाख करोड़ रुपये रहा.
इस बीच, सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटे का लक्ष्य बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.3 प्रतिशत कर दिया है. बजट में इसके 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था. इससे पूर्व वित्त वर्ष 2011-12 में राजकोषीय घाटा 5.8 प्रतिशत था.
ईंधन, उर्वरक तथा खाद्य सब्सिडी बढ़ने के कारण राजकोषीय घाटा बढ़ा है. लोकसभा में प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे की स्थिति में सुधार के लिये व्यय को युक्तिसंगत बनाने तथा उपलब्ध संसाधनों का कुशलतम उपयोग के लिये कदम उठाये हैं.