प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए 8 फीसदी की संशोधित विकास दर का लक्ष्य भी महत्वाकांक्षी है. उन्होंने साथ ही कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए महिलाओं की भूमिका और आधारभूत संरचना का विकास बहुत महत्वपूर्ण है.
प्रधानमंत्री ने 12वीं पंचवर्षीय योजना को अंतिम रूप देने के लिए आयोजित राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की बैठक में विकास दर के लक्ष्य को घटाकर 8 फीसदी किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि परिस्थिति ने इस लक्ष्य को हासिल करना भी कठिन बना दिया है.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'यह यथोचित बदलाव है. लेकिन निश्चित रूप से मैं कहना चाहूंगा कि पहले वर्ष में छह फीसदी से कम विकास दर हासिल करने के बाद औसत आठ फीसदी का लक्ष्य हासिल करना महत्वाकांक्षी लक्ष्य है.' उन्होंने कहा कि गरीबी को घटाने और कृषि की उपज बढ़ाने में देश को समुचित सफलता मिली है.
विज्ञान भवन के सम्मेलन कक्ष में उन्होंने कहा, 'लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि हम एक कम आय वाली अर्थव्यवस्था हैं. देश को मध्य आय वाले स्तर तक लाने के लिए 20 वर्षो तक तेज विकास करना होगा. यात्रा लम्बी है और कठिन मेहनत करने की जरूरत है.'
उन्होंने कहा, 'तेज आर्थिक विकास के लिए बेहतर आधारभूत संरचना आवश्यक है. आधी आबादी (महिलाओं) की भागीदारी के बिना कोई सार्थक विकास नहीं हो सकता है, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी जरूरी है.'
12वीं योजना के मसौदे में योजना आयोग ने औसत विकास का लक्ष्य नौ फीसदी रखा था, जिसे सितम्बर में घटाकर 8.2 फीसदी किया गया था और अब इसे फिर से घटा दिया गया है.
योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि विकास के तीन सम्भावित लक्ष्य रखे गए हैं. पहला सम्भावित लक्ष्य आठ फीसदी वैश्विक आर्थिक स्थितियों के कारण रखा गया है. दूसरा लक्ष्य 6.5 फीसदी है, यदि महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों पर अमल नहीं किया गया और तीसरा लक्ष्य 5-5.5 फीसदी हासिल हो सकता है, यदि नीतिगत अवरोध कायम रहा.
अहलूवालिया ने कहा कि लोगों की उम्मीद पहले सम्भावित लक्ष्य से पूरी हो सकती है.